साइरस मिस्त्री की बहाली का मामला: ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा सन्स
नई दिल्ली। टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री को एनसीएलएटी ने बड़ी राहत दी थी और उनको चेयरमैन के पद से हटाए जाने को अवैध करार दिया, साथ ही एनसीएलएटी ने उनको दोबारा चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के इस फैसले को अब टाटा सन्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स ने मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। लेकिन एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को पद से हटाए जाने को अवैध करार देते हुए उन्हें फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। साथ ही एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के फैसले को भी अवैध करार दिया था। साइरस मिस्त्री पर आरोप लगा था कि वह टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
टाटा समूह के मुताबिक, पी साइरस मिस्त्री ने टाटा के भरोसे का दुरुपयोग किया और इसका नाजायज फायदा उठाया। वह टाटा ग्रुप की सभी बड़ी फर्मों को अपने कंट्रोल में लेना चाहते थे। इस बारे में टाटा ग्रुप ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा था कि मिस्त्री ने पूरी प्लैनिंग के साथ बोर्ड के अन्य मेंबर्स को बाहर किया। चार वर्षों में टाटा समूह का एकमात्र प्रतिनिधि बनने के लिए मिस्त्री ने पूरी ताकत झोंक दी।
एनसीएलएटी के फैसले के बाद साइरस मिस्त्री ने कही बड़ी बात
टाटा सन्स ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन के पद से हटाया था
उन्होंने इसके लिए रणनीति बनाई और उसी को अमल में लाया। टाटा संस ने कहा था,'मिस्त्री के नेतृत्व में, टाटा समूह के 100 साल पुराने ढांचे को नुकसान पहुंचा है। इसकी फर्में, प्रमोटर्स अैर शेयरहोल्डर्स से दूर भाग रही हैं। इशहात हुसैन को टीसीएस का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया है।' टाटा समूह ने एक असाधारण आम बैठक कर पी सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया था।