टाटा-साइरस मिस्त्री विवाद पर होगी अंतिम सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने दी 2 दिसम्बर की तारीख
नई दिल्ली। टाटा संस और साइरस मिस्त्री के बीच चल रहे विवाद पर अब सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने केस को अंतिम सुनवाई के लिए 2 दिसम्बर की तारीख पर लिस्ट किया है। टाटा समूह और शपूर पलोनजी समूह के बीच टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) के शेयरों को लेकर विवाद चल रहा है। टीएसपीएल में साइरस मिस्त्री के शपूर पलोनजी समूह की 18.37 हिस्सेदारी है जिसकी कीमत 1.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। मामले में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने शपूर पलोनजी के वकील सीए सुंदरम से बार-बार अंतिम सुनवाई के लिए अपील करने पर सवाल किया। कोर्ट ने सवाल किया कि जब मामला पहले ही फाइनल सुनवाई के लिए लिस्ट किया जा चुका है तो आप बार-बार क्यों प्रार्थना पत्र डाल रहे हैं। जब सुंदरम ने बताया कि वह सर्वोच्च अदालत के सामने कुछ नए तथ्य रखना चाहते हैं तो कोर्ट ने कहा कि क्या ये मुद्दे अंतिम सुनवाई में नहीं लाए जा सकते।
वहीं टाटा समूह की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितम्बर को ही मामले को फाइनल सुनवाई के लिए तय कर दिया था। सर्वोच्च अदालत ने अंतिम सुनवाई के लिए 2 दिसम्बर को मामले को लिस्ट करने को कहा था।
क्या है मामला ?
शपूर पलोनजी समूह विवाद के बाद अपने इस शेयर को गिरवी रखना या बेचता चाहता है जिसके खिलाफ टाटा संस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शपूर पलोनजी समहू को टाटा संस में अपने शेयरों को गिरवी रखने या ट्रांसफर किए जाने से रोक दिया था। साथ ही ये आदेश दिया था कि जिन शेयरों को पहले ही गिरवी रखा जा चुका है, अगली सुनवाई तक उन शेयरों पर दोनों समूहों को कुछ भी नहीं करने को कहा था।
टाटा संस और शपूर पलोनजी समूह में विवाद की शुरुआत साइरस मिस्त्री को पद से हटाने के बाद हुई थी। 2012 में टाटा समूह ने शपूर पलोनजी ग्रुप के पलोनजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को टाटा समूह का चेयरमैन बनाया था। उन्हें लंबे समय से ग्रुप की कमान संभाल रहे रतन टाटा की जगह पर रखा गया था। बाद में 2016 में टाटा संस ने साइरस मिस्त्री को पद से हटा दिया और रतन टाटा ने एक बार फिर बागडोर संभाल ली। इसके बाद दोनों समूह में विवाद चल रहा है और शपूर पलोनजी समूह अपना शेयर गिरवी रखने की मांग कर चुका है। टाटा संस ने शपूर पलोनजी समूह के सारे शेयर खरीदने का प्रस्ताव दिया था लेकिन पलोनजी समूह इसके लिए तैयार नहीं है।
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