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तस्लीमा नसरीन ने किया नागरिकता संशोधन एक्ट का समर्थन, कहा- ये सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए अच्छा

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल के संसद से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इसे मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मुहर के साथ ही नया नागरिकता कानून बन गया है। दूसरी ओर इस एक्ट का पूर्वोत्तर के राज्यों, खासकर असम, त्रिपुरा और मेघालय में जमकर विरोध हो रहा है। कांग्रेस समेत कई प्रमुख विपक्षी दलों भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच करीब 25 साल से बांग्लादेश से निर्वासन झेल रहीं जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने नागरिकता संशोधन कानून पर प्रतिक्रिया दी है। इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए उन्होंने नए नागरिकता कानून का समर्थन किया है।

तस्लीमा ने कहा- मुस्लिम विरोधी नहीं है नागरिकता कानून

तस्लीमा ने कहा- मुस्लिम विरोधी नहीं है नागरिकता कानून

इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में तस्लीमा नसरीन ने नए नागरिकता कानून को लेकर खुल कर अपने पक्ष रखे। उन्होंने कहा, 'ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। भारत अपनी मुस्लिम आबादी को कम नहीं कर रहा है।' 57 वर्षीय तस्लीमा ने आगे कहा, 'नया कानून सताए हुए अल्पसंख्यकों के लिए बेहद अच्छा है। यह सही है कि अल्पसंख्यकों से प्रताड़ना की जाती थी, जब हम इसकी आलोचना करते हैं तो इस्लामिक समाज हमसे घृणा करता है।'

'हम जैसे लोगों को भी नागरिकता मिलनी चाहिए'

'हम जैसे लोगों को भी नागरिकता मिलनी चाहिए'

भारत में रहने वाली बांग्लादेशी-स्वीडिश लेखिका तस्लीमा नसरीन को उनके उपन्यास 'लज्जा' की वजह से कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों की धमकियों के कारण 1990 के दशक में उनके गृह देश बांग्लादेश से निर्वासन के लिए मजबूर किया गया था। तस्लीमा नसरीन ने कहा, 'हम जैसे लोगों को भी नागरिकता मिलनी चाहिए। मुझे अपने घर की याद आ रही। मैं बंगाल भी नहीं जा सकती।' उन्होंने ये भी कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो मैं वो किताबें फिर लिखूंगीं।

नए एक्ट को लेकर असम में भारी विरोध प्रदर्शन

नए एक्ट को लेकर असम में भारी विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन एक्ट में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। हालांकि, इस एक्ट के खिलाफ असम-त्रिपुरा समेत कई राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। खास तौर से असम में हालात को देखते हुए सेना की 26 और टुकड़ियां भेजी गईं हैं। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मदद के लिए सेना की इन टुकड़ियों की तैनाती की गई है। असम और त्रिपुरा दोनों ही राज्यों में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं। गुवाहाटी और कई जिलों में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

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English summary
Taslima Nasreen reacts Citizenship (Amendment) Act says it is fact minorities being targeted fanatics
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