TasK Force 'GOG' मोदी के सपनों को करेगी साकार
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 में जो जनता दिखाया था उस सपने को पूरा करने में जुट चुकी है। इन सपनों से जुड़ी योजनाओं को अंजाम देने के लिए प्रधानमंत्री ने एक टास्क फोर्स बनायी है। इस टास्क फोर्स में सेना के जवान नहीं बल्कि छह राज्यों के राज्यपाल होंगे। यह टॉस्क फोर्स 'ग्रुप ऑफ गवर्नर्स' (GOG) नाम से जानी जाएगी।
एनडी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए इस जीओजी का गठन किया गया है। सरकार की इस नयी टॉस्क फोर्स 'ग्रुप ऑफ गवर्नर्स' (GOG) को ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की तर्ज पर इसका गठन किया है। इसमें छह राज्यों का सीधा प्रतिनिधित्व होगा। ग्रुप ऑफ गवर्नर्स' में छह राज्य के राज्यपालों को शामिल किया गया है। जिसमें तेलंगाना, तमिलनाडु, झारखंड, गुजरात उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल शामिल किए गए हैं।
तेलंगाना के गवर्नर ईएसएल नरसिम्हन को ग्रुप ऑफ गवर्नर्स' का संयोजक बनाया गया है । उनके साथ पांच अन्य राज्यों के राज्यपाल भी इस ग्रुप में सदसय बनाए गए हैं। इस टास्क फोर्स की जिम्मेदारी दी गयी है कि वह केंद्र की एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्त रूप देने का खाका तैयार करे। जल्द ही इस संबंध में एक बैठक आयोजित की जा रही है।
ग्रुप ऑफ गवर्नर्स' इन योजनाओं पर करेगी काम
ग्रुप ऑफ गवर्नर्स केंद्र सरकार की शिक्षा व जलशक्ति संबंधी योजनाओं से लेकर किसान और आदिवासियों से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं पर काम करेगी। इसके साथ ही योजनाओं पर मंथन कर अपनी रिपोर्ट भी तैयार करेगी। रिपोर्ट की सिफारिशों को इस साल नवंबर में होने वाले राज्यपालों के सालाना सम्मेलन में विचार विमर्श के लिए रखा जाएगा।
मालूम हो कि 2019 की मोदी सरकार का जल संरक्षण और पेयजल आपूर्ति पर विशेष फोकस है। भाजपा ने लोक सभा चुनाव 2019 के अपने घोषणापत्र में भी सभी परिवारों को पेयजल मुहैया कराने और जलशक्ति मंत्रालय के गठन का वादा किया था। इसलिए वह इससे संबंधित जल आयोग के गठन के साथ ही इससे संबंधित योजनाओं की घोषणा भी करने पर विचार कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, जीओजी में शामिल तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, जलशक्ति के विषय पर विचार करेंगे।
इसी तरह जीओजी की सदस्य और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू आदिवासी मामलों पर रिपोर्ट तैयार करेंगी। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को किसान और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार विमर्श का जिम्मा सौंपा गया है। मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए यह क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में ऊपर है।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को किसान और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार विमर्श का जिम्मा सौंपा गया है। मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए यह क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में ऊपर है।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल को शिक्षा और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सुशासन के मुद्दे पर विचार करने का जिम्मा सौंपा गया है।
नवंबर
में
होगा
राज्यपालों
का
वार्षिक
सम्मेलन
नवंबर में होने वाले राज्यपालों के वार्षिक सम्मेलन में चर्चा के लिए इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। माना जा रहा है कि इनकी सिफारिशों पर इस सम्मेलन में चर्चा की जा सकती है। इससे सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में बेहतर समन्वय भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।