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2024 तक 82% घरों में पाइप से पानी पहुंचाना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती, लेकिन इस राज्य में 99% कवरेज

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 'हर घर को नल से जल' देने का वादा किया है। लेकिन, यह महत्वाकांक्षी योजना जितनी ही जरूरी है, इसे पूरा करना उतनी ही बड़ी चुनौती भी बन रही है। इस प्रोजेक्ट पर खर्च का जो अनुमान जताया गया है, वह 7.88 लाख करोड़ रुपये का है। यह आकलन राज्यों की ओर से जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट का है। क्योंकि, मौजूदा वक्त में देश का महज 18% इलाके में ही पाइप के जरिए पानी पहुंच रहा है। मतलब अगले पांच वर्षों में 82% इलाकों को कवर करना बहुत मुश्किल साबित हो सकता है।

फंड जुटाने के लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार

फंड जुटाने के लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने का लक्ष्य तो निर्धारित किया है, लेकिन इसपर आने वाली 7.88 लाख करोड़ रुपये की संभावित लागत इतनी बड़ी है कि इसको जुटा पाना बहुत बड़ी चुनौती नजर आ रही है। जानकारी के मुताबिक इस चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार अब कुछ अभिनव वित्तीय विकल्पों की तलाश में है, जैसे कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल और हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल, जिसे सड़कों से जुड़े मेगा प्रोजेक्ट्स पर सफलतापूर्वक अमल किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया है कि इसके लिए 'राज्य भी उपलब्ध अभिनव वित्तीय मॉडलों को चुन सकते हैं।' केंद्र सरकार ने जल से जुड़ी योजनाओं में बेहतर परिणाम देने वाले राज्यों को विशेष फंड उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके पीछे की सोच ये है कि जो राज्य पानी से जुड़ी योजनाओं में बेहतर करेंगे, उन्हें ज्यादा फंड मिलेगा और जो परफॉर्म नहीं करेंगे उनका हिस्सा घट जाएगा।

सरकार दे रही है 'स्वच्छ भारत मिशन' की कामयाबी का हवाला

सरकार दे रही है 'स्वच्छ भारत मिशन' की कामयाबी का हवाला

मौजूदा परिस्थितियों में इस मिशन को पूरा करने के लिए 7.88 लाख करोड़ रुपये का बजट भले ही बहुत बड़ा लग रहा है, लेकिन सरकार को पक्का यकीन है कि वह 'हर घर को नल से जल' उपलब्ध करवाने की योजना धरातल पर कामयाबी से उतार सकेगी। इस आत्मविश्वास के लिए सरकार की ओर से 'स्वच्छ भारत मिशन' के लिए फंड की चुनौतियों और उसे लागू करवाने की कठिनाइयों का हवाला दिया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि 'भारत 2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनने की राह पर है। पिछले 5 वर्षों में 5.72 लाख गांवों में 9.76 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। इसलिए, 2024 तक हर घर तक पाइप से पानी उपलब्ध होगा, इसपर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।'

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जल से जुड़ी कई योजनाओं पर जारी है काम

जल से जुड़ी कई योजनाओं पर जारी है काम

गौरतलब है कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में पानी बचाने और उसे सबतक पहुंचाने को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रही है। पूरे देश में पानी उपलब्ध कराने और उसके संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को बहुत ज्यादा तबज्जो दिया जा रहा है। इसके लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की गई हैं। पानी से जुड़ी जो योजनाएं शुरू की गई हैं, उनमें बाढ़ प्रबंधन, नमामि गंगे और राष्ट्रीय जल संरक्षण योजना शामिल है। इन सभी योजनाओं पर आने वाले 5 वर्षों में 3.64 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सबसे बड़ी बात ये है कि पानी से जुड़े विषयों पर फैसले लेने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसके लिए सरकार ने एक नया जल शक्ति मंत्रालय ही गठित कर दिया है, जो इस विषय को संपूर्णता के साथ देख रहा है।

सिक्किम सबसे आगे, यूपी-बिहार पीछे

सिक्किम सबसे आगे, यूपी-बिहार पीछे

'हर घर को नल से जल' योजना में सबसे ज्यादा चुनौती 5 राज्यों से आने की संभावना है। ये राज्य हैं, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और त्रिपुरा जहां पाइप से पानी पहुंचाए जाने वाले घरों की संख्या सबसे कम है। देश के जिस 82% हिस्से में पाइप से पानी की सुविधा मौजूद नहीं है ये राज्य उन्हीं में शामिल हैं। जबकि, नॉर्थ ईस्ट में स्थित सिक्किम ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा यानि 99% घरों में पाइप से पानी पहुंचाया जा रहा है। सिक्किम के बाद दूसरा नंबर गुजरात का है जहां 79% घरों में नल से जल की सुविधा है। सिक्किम और गुजरात के अलावा गोवा, पुडुचेरी और पंजाब भी नल से जल के कवरेज के मामले में बाकी राज्यों से काफी आगे हैं और इन पांचों राज्यों के 50% से ज्यादा घरों में पाइप से मिलने वाला पानी उपलब्ध है।

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English summary
tap water to every household is very big challange for Modi Government due to 7.88 lakh crore plan
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