पहले मनाया मातम, फिर पहन ली सफेद साड़ी, जानिए किन्नरों के अनोखे त्योहार के बारे में
चेन्नईः तमिलनाडु के कूवगम गांव में हर साल ट्रांसजेंडर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। इस गांव को किन्नरों का तीर्थ स्थल भी कहा जाता है। यहां किन्नरों द्वारा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हमारे समाज में कम ही लोग हैं जो किन्नरों के बारे में जानते हैं। किन्नरों का रहन-सहन, रस्मों-रिवाज और प्रथाओं पर हमेशा से ही रहस्य बना रहता है। आज हम आपके लिए लाए हैं किन्नरों के त्योहार के बारे में कुछ खास जानकारी-
18 दिन तक चलता है ये उत्सव
हर साल तमिलनाडु के कूवगम गांव में किन्ररों द्वारा 18 दिनों तक फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। यहां किन्नरों से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। किन्नरों के महापर्व में किन्नर हर रात अर्जुन के पुत्र अरावन की पूजा करते हैं।
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अर्जुन के पुत्र अरावन की करते हैं पूजा
इसके लिए कूवगम गांव में स्थित मंदिर में जाते हैं और अरावन की पूजा करते हैं। इस मंदिर में महाभारत में भगवान कृष्ण के मोहिनी रूप की लीला भी दिखाई जाती है। इस मंदिर में महाभारत की एक कहानी का मंचन किया जाता है और अर्जुन के बेटे अरावन की शादी का प्रसंग दिखाया जाता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, श्री कृष्ण ने मोहिनी का रूप धारण करके अरावन से शादी की थी।
सफेद साड़ी पहनकर मनाते हैं मातम
कथा के अनुसार अरावन से शादी करने के बाद पांडवों और कौरवों में युद्ध हुआ, इसी दौरान अरावन का वध हो गया और मोहिनी विधवा हो जाती है। इसी कहानी पर ही त्योहार में किन्नर एक रात अरावन से शादी करते हैं। शादी के अगले दिन अरावन की प्रतिमा को गांवभर में घुमाया जाता है और नष्ट कर दिया जाता है। मूर्ति नष्ट होने के बाद सभी किन्नर सफेद साड़ी पहन लेते हैं और मातम मनाते हैं।
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