अच्छे नंबर और डिग्री के लिए छात्राओं से 'सेक्स डिमांड' करती थी लेडी प्रोफेसर, कहती थी 'एडजस्ट' कर लो
नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार को महिला कॉलेज की एक प्रोफेसर की सशर्त जमानत मंजूर कर ली। सेक्स स्कैंडल कांड की आरोपी महिला कॉलेज की प्रोफेसर लगभग 11 महीने से जेल में थी। निर्मला देवी पर आरोप है कि छात्राओं को कुछ अधिकारियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बदले प्रोफेसर अच्छे नंबर और पैसों का लालच देती थी। इस मामले में जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर की बेंच ने आरोपी प्रोफेसर की जमानत को मंजूरी दी है।
सेक्स के बदले अच्छे नंबर और पैसे का लालच देती थी
इस सनसनीखेज मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था और पिछले साल ये निलंबित प्रोफेसर सुर्खियों में बनी रही थीं। इस मामले में सरकारी वकील ने बताया कि अदालत को आरोपी की जमानत पर ऐतराज नहीं है। आरोपी ने इसके पहले भी जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने फिलहाल आरोपी की जमानत को मंजूरी दे दी है और निर्देश दिया है कि पुलिस जांच मे सहयोग करें।
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ऑडियो वायरल होने के बाद मामला आया था सामने
कोर्ट ने निलंबित प्रोफेसर को किसी तरह का इंटरव्यू देने से साफ मना किया है और कहा है कि वे ऐसा कुछ भी ना करें जिससे जांच में बाधा उत्पन्न हो। प्रोफेसर को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। प्रोफेसर का छात्राओं के साथ बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद महिला फोरम और कॉलेज की शिकायत पर कार्रवाई हुई थी। इस बातचीत में प्रोफेसर छात्राओं से कुछ अधिकारियों के साथ 'एडजस्ट' करने को कह रही थी। ये मामला सामने आने के बाद प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया था। जबकि इस मामले को लेकर चौतरफा दबाव बनने लगा तो बाद में इसकी जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी।
गिरफ्तारी के 11 महीने बाद जमानत
पुलिस ने पूछताछ के आधार पर इस मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर वी मुरुगन और रिसर्च छात्र करुप्पासामी को भी गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इन दोनों ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी। हालांकि हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दिया तो आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से दोनों को राहत मिल गई थी। इस मामले में सीबी-सीआईडी ने 200 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसके पहले, इस मामले में 1600 पेज की प्री चार्जशीट की दाखिल की गई थी।