अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग छात्रों को पढ़ाया जाएगा गीता और वेद, डीएमके ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। तमिलनाडु की अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के छात्र अब भगवद गीता, वेद और दूसरे कुछ दार्शनिकों को भी पढ़ेंगे। अन्ना यूनिवर्सिटी अंडर ग्रेजुएट इंजीनियरिं छात्रों के लिए भगवद गीता को नॉन-कम्पल्सरी कोर्स के रूप में ला रही है। चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी के इस फैसले का कुछ संगठनों ने स्वागत किया है तो वहीं राज्य की बड़ी राजनीतिक पार्टी डीएमके ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे संस्कृत थोपने का एक तरीका बताया है।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के मॉडल पाठ्यक्रम के अनुसार, अन्ना यूनिवर्सिटी ने जीवन विकास कौशल के माध्यम से व्यक्तित्व विकास सहित छह ऑडिट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। पर्सनालिटी डेवेलपमेंट के लिए स्वामी स्वरूपानंद की लिखी गई श्रीमद भगवद गीता को चुना गया है।
डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने यूनिवर्सिटी के फैसले पर कहा है कि ये संस्कृत को थोपना की कोशिश है। वहीं माकपा ने भी इसका विरोध किया है। कई संगठनों ने इसे हिंदू धर्म को थोपने की कोशिश भी कहा है।
अन्ना यूनिवर्सिटी के कुलपति एम करप्पा ने कहा है कि ये पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए है। पाठ्यक्रम में दर्शनशास्त्र और गीता को शामिल किया जाएगा। छात्रों के पास इसके चुनाव की स्वतंत्रता होगी। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया है कि भगवद गीता का कोर्स अनिवार्य नहीं है। यह सिर्फ फिलॉसफी विषय का एक हिस्सा है। छात्र मर्जी से इसे चुन सकते हैं।
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