Tihar jail में जो सुरक्षाकर्मी रखते हैं खतरनाक कैदियों पर नजर, उन्हें क्यों रखा चिदंबरम से अलग
नई दिल्ली- गुरुवार से दिल्ली के तिहाड़ के जेल नंबर 7 में बंद पी चिदंबरम के लिए अगर यह जगह नई है तो देश के इस मशहूर जेल को भी अपने नए बंदी के चलते काफी कुछ बदलाव देखना पड़ रहा है। इस समय एक ऐसा शख्स यहां कैद है जिसपर देश के गृहमंत्री रहते हुए कभी इसकी निगरानी की जिम्मेदारी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई, इसलिए जेल में भी उनकी सुरक्षा बेहद सख्त रखी ही गई है। लेकिन, सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिन पुलिस वालों पर पूरे तिहाड़ के कैदियों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी है, जानकारी के मुताबिक उन्हें चिदंबरम के सेल के पास फटकने की भी मनाही होगी। आइए समझते हैं कि जेल की सामान्य व्यवस्था में चिदंबरम की वजह से जेल प्रशासन को यह बदलाव क्यों करना पड़ा है।
कौन करते हैं तिहाड़ जेल में कैदियों की चौकसी?
तिहाड़ जेल में बंद ज्यादातर कैदी उत्तर भारतीय हैं। जबकि उनके सेल की जो सुरक्षाकर्मी निगरानी रखते हैं, वे तमिलनाडु पुलिस के जवान होते हैं। अतिसुरक्षित तिहाड़ जेल में यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि अधिकतर हिंदी भाषी कैदियों की तमिल पुलिस वालों से भाषाई जुगलबंदी आसानी से न हो पाए। इस तरह की व्यवस्था बनाने का मकसद यही है कि वर्षों से तिहाड़ के अंदर रह रहे शातिर अपराधियों और सुरक्षाकर्मियों में ज्यादा घुलना-मिलना संभव न हो पाए। क्योंकि, कुख्यात अपराधी इसका फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। बता दें कि तिहाड़ जेल में सिर्फ कुख्यात अपराधी ही नहीं हैं, बल्कि कई खौफनाक आतंकवादी भी बंद हैं। इन कैदियों में कई विचाराधीन हैं तो कुछ उम्रकैद की सजा काटने से लेकर फांसी तक की सजा का इंतजार कर रहे हैं।
तमिलनाडु पुलिस रहेगी चिदंबरम की सेल से दूर
टीओआई की खबर के मुताबिक जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पूर्व गृहमंत्री के सेल की सुरक्षा से तमिलनाडु पुलिस के जवानों को अलग रखा जाएगा। जाहिर है कि कांग्रेस नेता चिदंबरम तमिलनाडु के कद्दावर नेता हैं और उनके सेल से तमिलनाडु पुलिस के जवानों को दूर रखे जाने के पीछे भी यही वजह हो सकती है। चिदंबरम की हिंदी तंग है, लेकिन तमिल उनकी मातृभाषा है। गौरतलब है कि चिदंबरम को जेल नंबर 7 के जिस सेल में रखा गया है, उसी में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम भी आईएनएक्स-मैक्सिस डील घोटाले में 12 दिन गुजार चुके हैं। चिदंबरम की जेड श्रेणी की सुरक्षा के मद्देनजर उनके सेल की 24 घंटे कड़ी चौकसी की जा रही है, साथ ही उनके सेल पर सीसीटीवी से भी हर पल नजर रखी जा रही है।
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जेल में क्या है उनकी दिनचर्या
सुबह नाश्ते में उन्हें भी आम कैदियों की तरह जेल मेन्यू के अनुसार चाय, पोहा, दलिया और ब्रेड दिया जा रहा है। जबकि, पहली रात डिनर में उन्होंने रोटी और मिक्स वेज खाने की बजाय दाल-चावल खाना पसंद किया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक उनकी सेल में वेस्टर्न-टॉयलेट है और वे अपने साथ चश्मा और दवाइयां लेकर गए हैं। सोने के लिए उन्हें लकड़ी की खाट, दरी, कंबल और तकिया उपलब्ध कराया गया है। उन्हें जेल मैनुअल के मुताबिक कॉरिडोर और उसके बाहर खुले में टहलने की इजाजत है। इसके साथ ही उन्हें तय समय में टीवी देखने और अखबार पढ़ने की भी अनुमति है। वह दूसरे कैदियों की तरह जेल की लाइब्रेरी में भी जाकर किताबें पढ़ सकते हैं।
तिहाड़ में ही रहेंगे या ईडी की कस्टडी में जाएंगे?
सीबीआई की विशेष अदालत ने पी चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेजा है यानि इस हिरासत की मियाद 19 सितंबर को पूरी हो रही है। इस दौरान चिदंबरम के ईडी के रिमांड पर जाने की भी संभावना है। हालांकि, उसकी ओर से हिरासत में उनसे पूछताछ की याचिका देने से पहले ही चिदंबरम के वकील कोर्ट में उनके सरेंडर की अर्जी डाल चुके हैं। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया घोटाले में उनसे मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी भी पूछताछ करना चाहती है।
73वां जन्मदिन कहां मनाएंगे चिदंबरम
अदालत ने चिदंबरम की सरेंडर याचिका पर सुनवाई के लिए 12 सितंबर की तारीख मुकर्रर की हुई है और तब हो सकता है कि वो तिहाड़ से निकलकर ईडी की हिरासत में भी भेज दिए जाएं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि वे अपने 73वें जन्मदिन में कहां रहेंगे- तिहाड़ जेल में या ईडी की कस्टडी में? क्योंकि, उनका जन्म 16 सितंबर, 1945 को तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कनाडुकथन में हुआ था और 16 सितंबर तक उनके बाहर आने की कोई संभावना ही नहीं है।