तमिलनाडु के शख्स ने बोरवेल में गिरे बच्चों को बचाने के लिए बनाई मशीन
चेन्नई। तमिलनाडु के मदुरई में रहने वाले अब्दुल रज्जाक ने एक मशीन का आविष्कार किया है। जिसकी मदद से बोरवेल में गिरे बच्चों को बचाया जा सकेगा। मशीन बनाने वाले अब्दुल का कहना है कि हाल ही में त्रिची में हुई घटना के बाद उन्होंने मशीन बनाने का सोचा था। बता दें त्रिची में दो साल के सुजीत की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी।
बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मशीन के आविष्कार के बाद जब अब्दुल रज्जाक से बात की गई तो उन्होंने कहा, 'त्रिची में हुई बोरवेल वाली घटना के बाद मैंने इस मशीन का आविष्कार करने का फैसला किया। इसकी अंब्रेला तकनीक से बच्चों को बोरवेल से बाहर निकाला जा सकता है।' आए दिन बच्चे बोरवेल में गिर रहे हैं। सुजीत वाली घटने के कुछ दिनों बाद हरियाणा में भी 5 साल की बच्ची की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई थी।
Tamil Nadu: Abdul Razzaq, from Madurai has invented a machine that can be used to rescue children falling into borewell, says,"After the recent borewell incident in Trichy, I decided to invent this machine. In it umbrella technique is used to lift the child from borewell." pic.twitter.com/Tcc0x58oI4
— ANI (@ANI) November 8, 2019
बहुत से लोगों की इस वजह से जान जा चुकी है। जिसके अधिकतर पीड़ित बच्चे ही होते हैं, जिन्हें नहीं पता होता कि बिना ढके बोरवेल कितने खतरनाक हो सकते हैं। बोरवेल में बच्चों के गिरने का सिलसिला साल 2006 में शुरू हुआ था, जब चार साल का प्रिंस हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बोरवेल में गिर गया था। वह 48 घंटे तक बोरवेल में रहा और पूरे देश ने उसकी सुरक्षा के लिए दुआ मांगी थी। जिसके बाद किस्मत से उसकी जान बच गई।
उस घटना को अब 13 साल हो गए हैं। लेकिन हालात आज भी पहले जैसे ही हैं। देश के बोरवेल सिस्टम में आज भी बहुत सी खामियां मौजूद हैं। तमिलनाडु में दो साल का सुजीत विलियम्स करीब 80 घंटे तक बोरवेल में ही रहा था। कई एजेंसियों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन वह फिर भी नहीं बच सका।
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