VIDEO: स्टरलाइट प्लांट ने तूतीकोरिन के हवा-पानी को किया जहर, घुट-घुट कर मरने को मजबूर लोग
नई दिल्ली। तमिलनाडू के तूतीकोरिन में पिछले एक सप्ताह से कॉपर कंपनी स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है, जो अब हिंसक रूप ले चुका है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने गुरुवार को वेदांता के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। इस क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए धारा 144 भी लगा दी है। लेकिन दुख की बात यह है कि इस प्लांट ने पिछले कई सालों से तूतीकोरिन और उसके आस-पास के गांवों की हालत खराब कर रखी है, वहीं जब कई लोगों ने इस जहरीले प्लांट को बंद कराने के लिए अपनी जान दी, तब जाकर सरकारों की आंखें खुली है।
स्टरलाइट कंपनी ने तूतीकोरिन ने ना सिर्फ हवा में जहर घोल दिया है, बल्कि हैंडपंपों और कूओं का पानी भी दुषित कर दिया है। जहरीली हवा की वजह से लोग मर रहे हैं और दुषित पानी पीकर ग्रामिण बीमार पड़ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस प्लांट ने अपने फायदे और सरकार के मुनाफे के लिए वहां की जनता को घुट-घुट कर मरने को मजबूर कर दिया है।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में दो गांव है कुमारेदियीयापुरा और मिलावट्टन, वहां के लोग पिछले कई सालों से इस प्लांट को बंद कराने के लिए अपनी आवाज उठा चुके हैं। कुमारेदियीयापुरा और मिलावट्टन गांव के लोग बताते हैं कि जब से यह प्लांट शुरू हुआ है, तभी से पानी भी दुषित हो चुका है। हालांकि, कई सालों विरोध कर के बाद भी पूंजीवाद के आगे ग्रामिणों की आवाज हमेशा हारी है।
तूतीकोरिन में स्टरलाइट कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनी वेदांता की ही एक यूनिट है। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में यह कंपनी 1996 में स्थापित हुई थी और यह कंपनी हर साल 4 लाख टन कॉपर प्रोड़क्शन करती है। इस कंपनी की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को अस्थमा, आंखों में जलन और कैंसर जैसी बिमारियां हो रही है।
स्टरलाइट कंपनी को शटडाउन करने के लिए तूतीकोरिन में स्थानीय लोग एकत्रित हुए, जिसके बाद निहत्थी भीड़ पर पुलिस ने गोलियां चला दी। इस प्लांट को बंद कराने के लिए अब तक 13 लोगों ने अपनी जान दे दी है और 100 से ज्यादा घायल हो चुके हैं। स्टरलाइट कह रही है कि उन्होंने पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। हालांकि, यह बात अलग है कि पर्यावरण के नियमों पर ताक को रखकर अपनी जेबें भरने का वेदांता का इतिहास रहा है।
तमिलनाडु पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (TNPCB) और नेशनल एन्वाइरन्मेंट इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट (NEEI) की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टरलाइट की वजह की कई किमी तक प्रदूषण बढ़ा है। इस रिपोर्ट की मानें तो स्टरलाइट के कारण यहां की जमीन बंजर हो रही है, पानी में पीलापन बढ़ रहा है और हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि हो रही है।