पाकिस्तान के साथ बोली और गोली एक साथ संभव नहीं: जनरल रावत
नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ वार्ता कैंसिल होने के बाद जनरल रावत ने इसे बिल्कुल सही ठहराया है। जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तब तक संभव नहीं है, जब तक कि वे आतंकवाद के खिलाफ कुछ करके नहीं दिखाते। रावत ने कहा कि टॉक और टेररिज्म दोनों एक साथ संभव नहीं नहीं है। पाकिस्तान ने भारत को बातचीत का न्योता दिया था, लेकिन सीमा पर हाल ही में हुई जवान की निर्ममता से हत्या के बाद न्यूयॉर्क में होने वाली वार्ता को कैंसिल करना पड़ा।
पहले आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाए
जनरल रावत ने कहा, 'हमारे सरकार की नीति है कि टॉक्स और टेररिज्म साथ-साथ नहीं हो सकते। हमने बिल्कुल स्पष्ट मैसेज दिया पाकिस्तान कुछ ऐसी हरकत करके दिखाए, जिसे हमें महसूस हो कि टेररिज्म को आप बढ़ावा नहीं दे रहे हैं। आप खुद (पाकिस्तान) बोलते रहते हो कि अपनी सरहद को हम किसी भी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ दूसरे देश के इलाके में हम होने नहीं देंगे। लेकिन हम तो देख रहे हैं कि आतंकी गतिविधियां हो रही है और आतंकवादी सरहद पार से आ रहे हैं।'
वार्ता रद्द करके सही किया
जनरल रावत ने कहा कि इस माहौल में बात नहीं की जा सकती है। रावत के अनुसार, सरकार ने पाकिस्तान के साथ जो बातचीत को रद्द करने का फैसला लिया है वह सही है, क्योंकि आतंकवाद और शांति पर वार्ता दोनों एक साथ तो संभव नहीं है। इससे पहले बिपिन रावत ने सीमा पर भारतीय जवान की निर्ममता से हुई मौत के बाद कहा था कि पाकिस्तान को भी उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
कश्मीर में शांति नहीं चाहता है पाकिस्तान
रावत ने कश्मीर मुद्दे पर कहा, 'पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर में इस प्रकार की परेशानी (हिसां) चलती रहे। वे चाहते हैं कि इस क्षेत्र मे शांति वापस नहीं आनी चाहिए। वे कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से बातचीत के लिए आग्रह किया था। न्यूयॉर्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली थी, लेकिन भारत ने इमरान खान के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
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