सरकार और किसानों के बीच बातचीत के दौरान लंच ब्रेक, लंगर में नहीं दिखे केन्द्रीय मंत्री
नई दिल्ली। talks between farmer leaders and government केंद्र सरकार के कृषि कानूनों(farm laws) के खिलाफ किसानों(farmers protest) का आज 51वें दिन भी आंदोलन जारी है। इस बीच, सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत हो रही है ताकि इस गतिरोध को खत्म किया जा सके। फिलहाल अभी लंच हो गया है। पहले की तरह इस बार भी किसान अपना खाना लेकर खुद पहुंचे। लेकिन इस बार लंच ब्रेक के दौरान किसान नेताओं के साथ लंगर में केन्द्रीय मंत्री नहीं दिखे।
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पिछली बातचीत के दौरान सरकार की ओर से वार्ता कर रहे मंत्रियों ने सद्भाव दिखाते हुए किसानों के बीच आ कर किसानों का ही भोजन किया था। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री तथा पंजाब से सांसद सोम प्रकाश करीब 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में वार्ता कर रहे हैं। इससे पहले, आठ जनवरी को हुई वार्ता बेनतीजा रही थी।
नौवें दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है और उच्चतम न्यायालय की बनाई समिति जब सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष समिति के सामने रखेंगे। इससे पहले 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी । शीर्ष अदालत ने इस मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिये चार सदस्यीय समितिका गठन किया था, हालांकि, समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने समिति से अपने को अलग कर लिया था।
अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने कहा कि चूंकि विरोध करने वाले किसानों ने समिति के सामने पेश नहीं होने की घोषणा की है, इसलिए इसका कोई मतलब नहीं है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं के पास पिछले एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि, वह अंत तक लड़ाई के लिये तैयार है और कानूनी वापसी के बिना घर वापसी नहीं होगी।