तालिबान ने कहा, 'भारत को हमसे डरने की जरूरत नहीं, अफगानिस्तान के लिए चाहिए दिल्ली की मदद'
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नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों तालिबान के साथ शांति वार्ता को कैंसिल कर दिया था। लेकिन कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने वार्ता की कोशिशें शुरू की हैं। इन सबके बीच ही तालिबान की ओर से कहा गया है कि अफगानिस्तान में जारी युद्ध को खत्म करने के लिए मिलिट्री कोई विकल्प नहीं है। साथ ही वह भारत के खिलाफ नहीं है। तालिबान के प्रवक्ता मुहम्मद सुहैल शाहीन ने सीएनएन- न्यूज 18 के साथ बातचीत में भारत को लेकर अपनी नीति के बारे में बताया है।
अफगानिस्तान को फिर से बसाने में चाहिए मदद
चैनल के साथ खास बातचीत में शाहीन ने कहा है कि भारत को इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाएं चली जाएंगी तो आजादी के बाद तालिबान उस पर हावी होने की कोशिश करेगा। शाहीन की मानें तो अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण में पड़ोसी देशों की जरूरत पड़ेगी और भारत की मदद भी चाहिए। शाहीन से इंटरव्यू में पूछा गया था कि भारत में इस बात को लेकर डर है कि अगरअफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाएं चली गईं तो फिर उनका ध्यान भारत की तरफ हो जाएगा? इस पर तालिबान ने कहा कि भारत का डर बेवजह है और यह वास्तविकता नहीं है। तालिबान अपने लड़ाकों को भारत की तरफ क्यों भेजेगा जब उसे अपने देश के पुर्ननिर्माण में भारत की जरूरत है और उनके देश का विकास हो रहा है। शाहीन की मानें तो तालिबान की नीति नहीं है कि वह दूसरे देशों के मामले में हस्तक्षेप करने की नहीं है।
शाहीन ने यह भी बताया कि पिछले दिनों जिन तीन भारतीयों को रिहा किया गया है, वह कैसे संभव हो सका था। शाहीन से पूछा गया था कि अपने कैदियों की रिहाई के बदले में तलिबान, भारतीयों की रिहाई के लिए कैसे राजी हो गया? शाहीन ने कहा कि उनके प्रतिनिधिदल की तरफ से इन कैदियों के बारे में अमेरिका के साथ मीटिंग की थीं और कुछ बातें हुई थीं। इसके अलावा शाहीन ने कुछ और बताने से साफ इनकार कर दिया।