#unescocitiesofdesign: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में दूसरे स्थान पर मोहब्बत की मिसाल 'ताजमहल', जानिए खास बातें...
नई दिल्ली। एक बार फिर से मोहब्बत की खुशबू फिजाओं में फैली है, जिस पर भारतीय इतराए बिना नहीं रह सकते हैं क्योंकि पाक इश्क की खूबसूरत मिसाल 'ताजमहल' ने हिंदुस्तान का सीना फक्र से चौड़ा जो कर दिया है, दरअसल यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में 'ताजमहल' को दूसरा स्थान हासिल हुआ है। यह बात एक नए सर्वेक्षण में सामने आई है। इस सर्वे में पहले स्थान पर कंबोडिया का अंकोर वाट का मंदिर है। सर्वेक्षण ऑनलाइन यात्रा पोर्टल ट्रिप एडवाइजर द्वारा करवाया गया है। इस सर्वेक्षण में पूरे विश्व में पर्यटकों द्वारा मूल्यांकित किए गए यूनेस्को सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर स्थलों को सूचीबद्ध किया गया है। इस लिस्ट में चीन की दीवार को तीसरा, पेरू के माचू पिचू को चौथा स्थान मिला है। इसके अलावा ब्राजील के इगाजु नेशनल पार्क, इटली का सासी ऑफ मटेरा, इजरायल का यरूशलम और तुर्की में इस्तांबुल को भी इस सूची में जगह मिली है।
ताजमहल को बनाने में 22 साल लगे
यूपी के आगरा में बने इस प्रसिद्ध इमारत का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था। ताजमहल को बनाने में 22 साल लगे थे, कहा जाता है इसे बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ जिसे पूरा करने में लगभग 22,000 मजदूरों का हाथ था।
1,000 हाथियों का इस्तेमाल
ताजमहल दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इमारत है, हर रोज पूरी दुनिया से लगभग 12,000 लोग इसे देखने आते हैं। इसको बनाने में 28 अलग-अलग पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था, इसमें लगा हुआ संगमरमर पत्थर राजस्थान, चीन, अफगानिस्तान और तिब्बत से आया था। ताजमहल की सजावट का समान ले जाने के लिए 1,000 हाथियों का इस्तेमाल किया गया था।
ताजमहल का रंग बदलता है...
आपको जानकर हैरत होगी कि ताजमहल का रंग बदलता है सुबह देखने पर गुलाबी, रात को दुधिया सफेद और चांदनी रात को सुनहरा दिखाई देता हैं लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण ताजमहल का रंग हल्का पीला पड़ने लगा है इसलिए इसके आसपास पेट्रोल और डीजल के वाहन बंद हैं।
मुमताज, शाहजहां की तीसरी पत्नी थीं
बेशक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था लेकिन मुमताज, शाहजहां की तीसरी पत्नी थीं। ऐसा भी जिक्र मिलता है कि शाहजहां की 14वीं संतान को जन्म देते वक्त स्वर्ग सिधार गईं थीं, हालांकि इन बातों की सच्चाई आज तक साबित नहीं हो पाई है, उनके मरने के बाद शाहजहां ने उनकी याद में ताजमहल बनवाया था।
फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी
ताजमहल को दुनिया की अजूबों की लिस्ट में शामिल करने के लिए पूरी दुनिया में वोटिंग हुई थी। ताजमहल फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा संगम है।
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