तबरेज अंसारी को समय पर नहीं मिला इलाज, पोस्टमॉर्टम टीम में शामिल डॉक्टर का दावा
नई दिल्ली। झारखंड में मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ तबरेज अंसारी की मौत को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने कहा है कि अगर तबरेज को सही समय इलाज मिल गया होता को शायद उसकी जान बच जाती। पोस्टमार्टम करने वाले ही टीम के एक डॉक्टर बी मार्डी ने कहा कि अगर 24 साल के तबरेज अंसारी को घटना के तुरंत बाद अगर उचित चिकित्सा पर ध्यान दिया जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था।
बता दें कि चोरी के शक में इसी साल 17 जून को भीड़ ने तबरेज अंसारी पर हमला बोल दिया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद 18 जून तड़के पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ी और फिर बाद में दम तोड़ दिया। अब इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बर्दी ने कहा कि जब तबरेज अंसारी को जेल ले जाया गया था तब जेल के डॉक्टर छुट्टी पर थे, जिसके बाद लिंचिंग पीड़ित की तबीयत बिगड़ गई।
शाम को जब उनकी हालत बिगड़ी, तो एक डॉक्टर को सरायकेला-खरसावां जिले के सदर अस्पताल से बुलाया गया। शुरुआती जांच के बाद, डॉक्टर वापस अस्पताल आ गए जिसके बाद तबरेज की हालत एक बार फिर अगली सुबह बढ़ गई। जल्दबाजी में जेल के अधिकारी तबरेज अंसारी को अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
इसके बाद अंसारी का परिवार अस्पताल पहुंचा और विरोध करना शुरू कर दिया और उसके शव को जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया जहां उसे 22 जून को मृत घोषित कर दिया गया। डॉ मार्डी ने कहा कि अगर सीरीकेला सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध थी या तबरेज को समय पर उचित चिकित्सा दी जाती तो उन्हें बचाया जा सकता था।
बता दें कि इससे पहले एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर के एचओडी द्वारा हस्ताक्षिरत रिपोर्ट में कहा गया था कि अंतिम समय में तबरेज अंसारी की मौत का कारण भले ही कार्डियक अरेस्ट था, लेकिन उसकी मौत भीड़ द्वारा पिटाई से सिर पर आई गंभीर चोटों के चलते हुई। मेडिकल रिपोर्ट के ताजा खुलासे से निः संदेह झारखंड पुलिस को दावों की पोल खोल दी है, जो मॉब लिंचिंग की हुई मौत तबरेज की मौत अलग एंगल देने की कोशिश कर रही है।
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