स्विस बैंक में खाता रखने वालों की सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज, 11 भारतीयों को नोटिस
नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड ने उसके बैंकों के खाताधारक भारतीयों के बारे में सूचनाएं साझा करने की कार्रवाई में तेजी दिखाई है। बीते करीब ढाई महीने में 25 से ज्यादा भारतीय अकाउंट होल्डर्स को नोटिस जारी कर स्विस अधिकारियों ने भारत के साथ उनकी जानकारी शेयर करने से जुड़ी आपत्ति मांगी है। स्विट्जरलैंड ने भारतीय खाताधारकों को सूचना साझा करने के खिलाफ अपील का आखिरी मौका दिया है।
स्विस बैंक में खाता मरखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाये रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद ये खत्म होता दिख रहा है। खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है। अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किये गये हैं।
स्विट्जरलैंड सरकार ने सार्वजनिक की गयी जानकारियों में उपभोक्ताओं का पूरा नाम न बताकर सिर्फ नाम के शुरुआती अक्षर बताये हैं।साथ ही खाताधारक की राष्ट्रीयता और जन्म तिथि का जिक्र किया गया है। सिर्फ 21 मई को 11 भारतीयों को नोटिस जारी किए गये हैं। जिन दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है उनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं। अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताये गये हैं उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुई पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं। इन नोटिसों में कहा गया है कि संबंधित ग्राहक या उनका कोई प्राधिकृत प्रतिनिधि आवश्यक दस्तावेजी सबूतों के साथ 30 दिनों के भीतर अपील करें।
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