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स्विट्जरलैंड के बैंकों में काला धन रखने वाले 50 लोगों के नाम आए सामने, जानें कौन हैं

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नई दिल्‍ली। काला धन मामले में एक बड़ी सफलता भारत को मिलती नजर आ रही है। स्विट्जरलैंड अथॉरिटीज ने स्विस बैंकों में एकाउंट रखने वाले भारतीयों के नाम सार्वजनिक करने शुरू कर दिए हैं। स्विट्जरलैंड अधिकारियों की ओर से 50 ऐसे भारतीयों की जानकारियों को हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिनके यहां पर बैंक एकाउंट्स हैं और जिन्‍होंने काला धन यहां पर छिपाकर रखा है। भारत और स्विट्जरलैंड की एजेंसियां इस दिशा में काम कर रही हैं। साल 2014 में जब मोदी सरकार पहली बार सत्‍ता में आई थी तब से ही काले धन का मसला गर्माया हुआ है।

टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर से लेकर इंजीनियरिंग तक

टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर से लेकर इंजीनियरिंग तक

जिन 50 भारतीय बिजनेसमेन खाताधारकों की जानकारियों को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया शुरू हुई है उनमें से कई ऐसी कंपनियों से जुड़े हैं जो सिर्फ कागजों पर हैं। ये भारतीय रियल एस्‍टेट से लेकर वित्‍तीय सेवाओं, टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर से लेकर पेंट, होम डेकोरेशन, टेक्‍सटाइल्‍स, इंजीनियरिंग का सामान बनाने वाले, गहने और इस तरह के सेक्‍टर्स से जुड़े हैं। इस प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि दोनों देशों के बीच प्राशसनिक सहयोग इस दिशा में शुरू हो चुका है। स्विट्जरलैंड को पिछले कई वर्षों से काला धन छिपाने की सुरक्षित जगह के तौर पर देखा जाता है। भारत में यह मुद्दा राजनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील बना हुआ है।

स्विस सरकार ने जारी किया गजट

स्विस सरकार ने जारी किया गजट

स्विट्जरलैंड की सरकार की ओर से गजट जारी कर पिछले कुछ हफ्तों में इन नामों को सार्वजनिक किया गया है। जो नाम अहम हैं उनमें कृष्‍ण भगवान रामचंद, पोटलुरी राजमोहन राव, कल्‍पेश हर्षद किनारीवाला, कुलदीप सिंह धींगरा, भाष्‍करन नलिनी, ललिताबेन चिमनभाई पटेल, संजय डालमिया, पंकज कुमार सराओगी, अनिल भारद्वाज, तहरानी रेनू टीकमदास, महेश टीकमदास तहरानी, सवानी विजय कन्‍हैयालाल, भाष्‍करन थरूर, कल्‍पेश भाई महेंद्रभाई, अजॉय कुमार और दिनेश कुमार हिमातसिंगका, रतन सिंह चौधरी और कठोतिया राकेश कुमार।

कुछ नामों के सिर्फ पहले अक्षर ही जारी

कुछ नामों के सिर्फ पहले अक्षर ही जारी

इसके अलावा कुछ ऐसे केस भी हैं जिनके नामों के सिर्फ शुरुआती अक्षर ही जारी किए गए हैं। जिन लोगों के शुरुआत अक्षर जारी हुए हैं वह इस प्रकार हैं- 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, 9 जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, 2 नवंबर 1983 को पैदा हुईं पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुईं आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुईं एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए। इनमें से कई लोग और उनकी कंपनियां कोलकाता, गुजरात, बेंगलुरु और मुंबई में स्थित हैं।

लोगों को भेजे गए नोटिस

लोगों को भेजे गए नोटिस

स्विस अथॉरिटीज की ओर से बड़े पैमाने पर भारतीयों को नोटिस जारी किए गए हैं। पनामा पेपर्स और एचएसबीसी बैंक में जिन लोगों के नाम आए थे, उन भारतीयों के नाम भी इस गजट में हैं। इन लोगों की जांच भारत में इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से चल रही है। स्विट्जरलैंड हमेशा इस बात से इनकार करता आया है कि वह काला धन रखने वाले लोगों की सुरक्षित पनाह नहीं है। इसके बाद भी उसने पिछले कुछ वर्षों में वित्‍तीय धोखाधड़ी के सुबूत मिलने के बाद भारत समेत कई देशों के खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने शुरू कर दिए हैं। स्विस अथॉरिटीज ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।

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English summary
Swiss banks have shared details of 50 Indian having accounts in black money issue.
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