स्विस बैंक में किस भारतीय का काला धन, आज सामने आएंगे बड़े नाम
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और कालेधन पर काफी लंबे समय से नकेल कंसने की तैयारी कर रही मोदी सरकार जल्द ही विदेशी बैंकों में जमा भरतीयों के नामों का पता लगा पाएगी। स्विस बैंकों में किस भारतीय का कितना काला धन जमा है और स्विस बैंकों में कितने भारतीयों के खाते हैं, इसकी जानकारी एक सितंबर से सरकार के पास होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते सरकार के कालेधन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्विस बैंक के गोपनीयता नियमों के युग का अंत होने जा रहा है।
बंद कराए जा चुके खातों की भी मिलेगी जानकारी
सीबीडीटी ने बयान के मुताबिक, भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के 2018 में बंद किए खातों की भी जानकारी मिल जाएगी। सीबीडीटी का कहना है कि सूचना आदान-प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आए स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व सचिव एबी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी और बोर्ड के सदस्य (विधायी) अखिलेश रंजन के साथ बैठक की थी।
1 सितंबर से मिलेगी जानकारी
29-30 अगस्त के बीच आए इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त मामलों के राज्य सचिवालय में कर विभाग में उप प्रमुख निकोलस मारियो ने की थी। साझा रिपोर्टिग मानक के प्रावधानों के तहत वित्तीय खातों के संबंध में सूचना का आदान-प्रदान सितंबर से शुरू हो जाएगा। इसी साल जून में स्विस सरकार ने विदेशों बैंकों में कालाधन रखने वाले 50 भारतीय कारोबारियों के नाम उजागर किए थे।
490 अरब डॉलर काला धन भारतीयों से बाहर भेजा
स्विस अधिकारियों ने खाताधारकों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भी भेजा था। इनमें ज्यादातर कोलकाता, मुंबई, गुजरात और बेंगलुरु के थे।वहीं स्टैंडिंग कमेटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीयों ने साल 1980 से लेकर साल 2010 के बीच 30 साल की अवधि में लगभग 246.48 अरब डॉलर से लेकर 490 अरब डॉलर के बीच काला धन देश के बाहर भेजा। स्विस बैंकों में पैसा रखने के मामले में ब्रिटेन सबसे आगे है।
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