अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं हैं स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, बोले-झगड़े तो अब होंगे
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित को रामलला विराजमान को दी है। यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। यानी कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही सरकार को एक नया ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया है जिसे वह जमीन मंदिर निर्माण के लिए दी जाएगी। इस फैसले के बाद द्वारिकापीट के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का बयान सामने आया है।
विवादित जगह हिंदुओं की है तो मुस्लिमों को जमीन देना गलत
उन्होंने फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मस्जिद के लिए वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन देने के निर्देश से झगड़े होंगे। बता दें कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी अपने बयान में फैसले के तहत 5 एकड़ जमीन दिए जाने के फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के हित में फैसला देना तो सही है, लेकिन जब प्रामाणित हो गया कि विवादित जगह हिंदुओं की है तो मुस्लिमों को जमीन देने गलत है। साथ ही नया ट्रस्ट बनाने का आदेश भी उचित नहीं है।
क्या कहा असदुद्दीन ओवैसी ने
आपको बता दें कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी अपने बयान में फैसले के तहत 5 एकड़ जमीन दिए जाने के फैसले से खुश नहीं हैं। ओवैसी ने अपने बयान में कहा कि "देश के मुस्लिमों को 5 एकड़ जमीन के लिए खैरात की जरुरत नहीं। मेरी राय में पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए।
हिंदुस्तान का मुसलमान इतना गया गुजरा नहीं
मुस्लिम आवाम इतनी मजबूत है कि वह यूपी में कहीं भी जमीन के लिए पैसा इकट्ठा कर सकती है। ओवैसी ने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान इतना गया गुजरा नहीं है कि वो 5 एकड़ जमीन नहीं खरीद सकता। हमें खैरात नहीं चाहिए। हम अपने लीगल राइट के लिए लड़ रहे थे। हमें किसी से भीख की जरुरत नहीं है।"
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