स्वदेशी जागरण मंच की चेतावनी- चाइनीज स्पांसर होने पर IPL का करेंगे बहिष्कार
नई दिल्ली: लद्दाख में चीनी घुसपैठ के बाद से लगातार चाइनीज प्रोडक्ट्स के बॉयकॉट की मुहिम चल रही है। चीनी कंपनियां आईपीएल में भी स्पांसर हैं। बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि वो चीनी कंपनियों से करार नहीं तोड़ेंगे, क्योंकि इससे उनको अच्छा लाभ मिल रहा है। जिस पर अब विवाद शुरू हो गया है। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने बीसीसीआई को चेतावनी दी है।
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स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक गलवान घाटी में हुई हिंसा में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। जिस वजह से पूरा देश गुस्से में है और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चलाई जा रही है। ऐसे में आईपीएल आयोजकों को भी समझदारी दिखानी चाहिए और चीनी कंपनियों से दूरी बना लेनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके पास आईपीएल के बॉयकॉट के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
महाजन के मुताबिक भारतीय बाजार को चाइनीज सामानों से मुक्त करवाने को लेकर पूरा देश खड़ा है। भारत सरकार भी लगातार चीनी कंपनियों पर शिकंजा कस रही है। ऐसे में आईपीएल में चीनी कंपनियों का प्रमोशन करना बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आईपीएल आयोजक सुरक्षा और आर्थिक चिंताओं का पूरी तरह से अनादर कर रहे हैं। महाजन के मुताबिक आईपीएल राष्ट्रीय गरिमा से ऊपर नहीं है। उनका संगठन चाइनीज प्रोडक्ट का विज्ञापन आईपीएल में नहीं देखना चाहता है। अगर ऐसा हुआ तो वो आईपीएल के बहिष्कार के लिए जनता से आह्वान करेंगे।
तो प्रोटोकॉल के तहत एलएसी के कई हिस्सों पर गश्त करेंगे भारत-चीन के सैनिक!
क्या
है
बीसीसीआई
का
फैसला?
रविवार
को
हुई
मीटिंग
के
बाद
बीसीसीआई
ने
आईपीएल
2020
को
संयुक्त
अरब
अमीरात
में
कराने
को
हरी
झंडी
देते
हुये
टूर्नामेंट
में
कोविड-19
के
कारण
सीमित
संख्या
में
खिलाड़ियों
को
बदलने
की
मंजूरी
दी।
आईपीएल
संचालन
परिषद
(जीसी)
ने
रविवार
को
हुई
'वर्चुअल'
बैठक
में
फैसला
किया
कि
टूर्नामेंट
19
सितंबर
से
10
नवंबर
तक
खेला
जायेगा।
बीसीसीआई
ने
साफ
किया
कि
मौजूदा
वित्तीय
कठिन
परिस्थितियों
को
देखते
हुए
इतने
कम
समय
में
बोर्ड
के
लिये
नया
प्रायोजक
ढूंढना
मुश्किल
होगा,
इस
वजह
से
सभी
प्रायोजकों
(चीनी
कंपनियों)
को
बरकरार
रखा
गया
है।