यशवंत सिन्हा के बाद मोदी सरकार के खिलाफ उतरा RSS का यह संगठन
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने जिस तरह से मोदी सरकार की नीतियों पर हमला बोला है उसने विपक्षी दलों को ऑक्सीजन देने का काम किया है। जिसके बाद कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांग लिया है। लेकिन अब आरएसएस के संगठन ने भी मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है।
नीतियों
को
बदलने
की
जरूरत
यशवंत
सिन्हा
के
बयान
के
बाद
एक
तरफ
जहां
विपक्षी
दलों
ने
मोदी
सरकार
पर
हमला
बोला
है
तो
दूसरी
तरफ
आरएसएस
से
जुड़े
स्वदेशी
जागऱण
मंच
भी
अब
भाजपा
सरकार
की
नीतियों
पर
सवाल
खड़ा
किया
है।
स्वदेशी
जागरण
मंच
के
सह
संयोजक
अश्विनी
कुमार
ने
मोदी
सरकार
की
नीतियों
पर
निशाना
साधते
हुए
कहा
कि
आर्थिक
नीतियों
को
बदलने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा
कि
जीएसटी
से
छोटे
व्यापारी
प्रभावित
हुए
हैं,
रोजगार
महज
एक
नारा
बनकर
रह
गया
है।
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रोजगार पैदा करने की जरूरत
यशवंत सिन्हा की बात का समर्थन करते हुए अश्विनी कुमार ने कहा कि मौजूदा आर्थिक नीतियों में बदलाव की जरूरत है, सरकार को रोजगार पैदा करने में ध्यान देना चाहिए। मौजूदा सरकार को दीन दयाल उपाध्याय के विचारों पर अमल करना चाहिए। वहीं भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्य़ाय का कहना है कि यशवंत सिन्हा एक राजनीतिक व्यक्ति हैं, उन्होंने अपनी राय जीएसटी व नोटबंदी पर दी है, लेकिन मजदूर क्षेत्र में हमारा अनुभव अलग है, अभी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुच सकते हैं।
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संघ
सरकार
के
फैसले
से
खुश
बृजेश ने कहा कि मैं खुद मजदूर फ्रंट को देखता हूं, नोटबंदी के बाद 1.27 लाख करोड़ लोग पीएफ में रजिस्टर हुए हैं, ये लोग सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ गए हैं। मजदूर सेक्टर अब संगठित हो रहा है। इसे कई सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई हैं, इससे टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। सरकार के कदम से 46-47 करोड़ मजदूरों को फायदा होगा। वहीं मजदूर संघ के महासचिव ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि आर्थिक हालत खराब हुई है। जीएसटी और नोटबंदी से चीजें बेहतर हुई हैं।