अपने तेवरों से पाकिस्तान को भी झुकने पर कर दिया था सुषमा स्वराज ने मजबूर
नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह ऐसी यादें छोड़कर गई हैं कि उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। सुषमा को एक ऐसे नेता के तौर पर जाना जाता है जो जब कभी भी सदन में बोलतीं तो विपक्षियों की बोलती बंद हो जाती। पाकिस्तान को लेकर भी सुषमा का रुख हमेशा आक्रामक रहा। उन्होंने हमेशा पाकिस्तान को स्पष्ट कहा कि जब तक सीमा पार से जारी आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी तब तक कोई बातचीत नहीं होगी। अब इसे भारत का दबाव कहें कि सुषमा की आक्रामकता, बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद एक वाकया ऐसा था जब पाक को भी सुषमा के आगे झुकना पड़ गया।
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पाकिस्तान ने सुषमा के लिए खोला एयरस्पेस
भारत में नई सरकार बनने और नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी हलचलें तेज हो गई थीं। पाकिस्तान ने अपने रुख में उस समय बदलाव की झलक दी जब उसने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की फ्लाइट के लिए अपना एयरस्पेस खोला। पाक ने एयरस्पेस के जरिए सुषमा की उनकी फ्लाइट को किर्गिस्तान जाने का रास्ता दिया। सुषमा इस वर्ष मई में किर्गिस्तान की राजधानी बिशेकेक में थीं जहां पर उन्होंने शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। अगर पाकिस्तान की ओर से यह मंजूरी नहीं दी जाती तो सुषमा को किर्गिस्तान पहुंचने में करीब आठ घंटे लगते। पाक की मंजूरी के बाद सिर्फ चार घंटे में ही सुषमा किर्गिस्तान पहुंच गईं।
एयरस्ट्राइक के बाद से बंद एयरस्पेस
सुषमा के लिए पाकिस्तान की ओर से मंजूरी तब दी गई जब खुद उसके देश में हजारों ट्रैवलर्स को एयरस्पेस बंद होने की वजह से टिकट कैंसिल कराने पड़ रहे थे , फ्लाइट्स में देरी और महंगे टिकट्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है। पाकिस्तान ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से ही अपना एयस्पेस बंद रखने का फैसला लिया था। 26 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने बालाकोट एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था। यह एयरस्ट्राइक पुलवामा आतंकी हमले का जवाब थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
आखिरी भाषण में पाकिस्तान को खरी-खरी
29 सितंबर 2018 को यूएन में बतौर विदेश मंत्री अपने आखिरी भाषण में उन्होंने साफ-साफ कहा कि भारत में आतंकवाद की वजह और आतंकवादियों का पनाहगार पड़ोसी पाकिस्तान है। 20वीं शताब्दी के अंत होने पर माना जा रहा था 21वीं शताब्दी में दुनिया के सामने आतंकवाद जैसी चुनौती नहीं होगी। लेकिन, अमेरिका में 9/11 और भारत में 26/11 की घटना से दुनिया दहल गई। दोनों आतंकी घटना का कनेक्शन पाकिस्तान से है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा गया, जबकि मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है।