जेटली की हार से सुषमा हुई मजबूत, बदलेंगे अकाली दल से रिश्ते!
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किए हैं। नरेन्द्र मोदी देश के भावी प्रधानमंत्री बन गए है। भाजपा ने अकेले 272 का जादूई आंकड़ा पार कर लिया हैं। पूरी फिजा भगवा रंग में रंगी हुई है। बाजपा की जीत में अगर कोई बदनुमा दाग लगा है कि वो है अमृतसर से बाजपा नेता अरुण जेटली की करारी शिकस्त।
जेटली अमृतसर में कैप्टर अमरिंदर सिंह से 1 लाख से ज्यादा वोटों हार गए। जेटली क हार ने जहां भाजपा को बडा झटका दिया है तो वहीं सुषमा स्वराज को मजबूती दी है। जेटली की हार से मोदी की कैबिनेट में सुषमा स्वराज की स्थिती मजबूत हो गई है।
जेटली पड़े पस्त
माना जा रहा था कि मोदी की सरकार बनने पर मंत्रीमंडल में जेटली को बड़ा हौहदा या मंत्री पद मिलेगा। जेटली मोदी के करीब भी माने जाते है। वही वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज मोदी के मुकाबले लालकॉष्ण आडवाणी के ज्यादा करीब मानी जाती है।
हारे जेटली तो जीती सुषमा
ऐसे में मोदी के मंत्रीमंडल में सुषमा के मुकाबले जेटली को ज्यादा तव्वजों मिलने कती उम्मीद थी, लेकिन अब जब कि जेटली हार चुके है तो स्थिति बदल चुकी है।
सुषमा की चांदी
वहीं सत्ता के गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि जेटली की यह हार कहीं बीजेपी और अकाली गठबंधन के बीच खटास पैदा न कर दें। बीजेपी अरुण जेटली को दिल्ली से टिकट देना चाहती थी, लेकिन जेटली ने इसमें रुचि नहीं दिखाई थी।
हारे जेटली तो जीती सुषमा
बाद में अकाली प्रमुख प्रकाश सिंह बादल के निमंत्रण पर वह अमृतसर से चुनाव लड़ने को तैयार हो गए थे, लेकिन उनका ये फैसला उनपर भारी पड़ गया।
जेटली पड़े पस्त
पंजाब के मुख्यमंत्री ने जेटली को आश्वासन दिया था कि उन्हें यहां से लड़ने में कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन कांग्रेस की ओर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से समीकरण बदल गए।