सुषमा स्वराजः ये पांच फैक्ट्स बिल्कुल नहीं जानते होंगे आप?
बेंगलुरू। महज 67 वर्ष की उम्र में देह त्याग चुकी सुषमा स्वराज के निधन की खबर के बाद से पूरा देश अभी भी सदमे में है। बुधवार को बेटी बांसुरी स्वराज ने उन्हें मुखाग्नि दी और आज उनकी अस्थियों के विसर्जन के लिए गढ़मुक्तेसर ले जाया जाएगा. सुषमा स्वराज की अचानक और असामयिक मौत के बाद से सोशल नेटवर्किग साइट्स पर श्रद्धांजलि देने वाले लोगों की बाढ़ आ गई, लेकिन बहुत कम लोगों को उनके और परिवार के बारे में अधिक पता होगा.
निःसंदेह सुषमा स्वराज एक मास लीडर थीं और अपने करिश्माई भाषण के जरिए वो आम और खास दोनों लोगों के दिलों में जगह बना लेती थीं. लेकिन सुषमा स्वराज और उनके परिवार के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है। बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुषमा स्वराज सभी की चहेती राजनेता थी और विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान वो लोगों की पहली पसंद बन गईं, जो महज एक ट्वीट पर लोगों की मदद के लिए जान लगा देती थीं।
ट्वीटर पर सुषमा स्वराज के तकरीबन 13 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि वो कितनी बड़ी नेता थी और लोग उन्हें कितना पसंद करते थे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज सबसे ज्यादा पॉपुलर रहीं, उनके बाद दूसरे पॉपुलर नेता थे नितिन गडकरी, जिनके ट्वीटर में तकरीबन 5.4 मिलियन फॉलोअर्स हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सदस्य थे पिता हरदेव शर्मा
हरियाणा के अंबाला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य हरदेव शर्मा के घर में जन्मीं सुषमा स्वराज का बचपन संघ के विचारों से ओत-प्रोत रहा. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद लाहौर के धर्मपुरा से निर्वासित होकर अंबाला में बसे पिता हरेदव शर्मा की परवरिश का असर था कि सुषमा स्वराज के कदम राजनीतिक गलियारों की ओर मुड़ गए.
आयुर्वेद चिकित्सक हैंं इकलौते भाई डा. गुलशन शर्मा
पिता हरदेव शर्मा और मां लक्ष्मी देवी की तीन संतानों में से एक सुषमा स्वराज के भाई डा.गुलशन शर्मा एक आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं और आज भी अंबाला में रहते हैं. ट्वीटर पर उनके बचपन की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सुषमा स्वराज अपने बड़े भाई के साथ साइकिल पर पीछे बैठी हुईं है.
महिला कॉलेज में प्रोफेसर हैं इकलौती बहन वंदना शर्मा
राजनीतिक विज्ञान में एमए और पीएचडी सुषमा स्वराज की बहन प्रो. वंदना शर्मा हरियाणा के एक महिला कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. प्रो. वंदना शर्मा भी बीजेपी की टिकट पर हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, जिसमें वह बुरी तरह से हार गई थीं. प्रो. वंदना शर्मा एक निर्दलीय कैंडीडेट से महज 1422 वोटों से हार गईं, जो हरियाणा में एक पोल्ट्री फॉर्म चलाता था.
बोलने में अटकती हैं स्ट्रोक पीड़ित वकील बेटी बांसुरी
सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की एक मात्र संतान बांसुरी स्वराज को 31 वर्ष की उम्र एक स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्हें बोलने में थोड़ी दिक्कत होती है.ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सटी से स्नातक बांसुरी स्वराज फिलहाल पिता स्वराज कौशल के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करती है. इससे पहले वो करीब 7 वर्षों तक आईपीएल में बतौर प्रतिनिधि नियुक्ति थीं।
मिजोरम के राज्यपाल रहे चुके है पति स्वराज कौशल
क्रिमिनल लॉयर स्वराज कौशल और दिवगंत सुषमा स्वराज वर्ष 1975 में शादी के बंधन में बंधे थे. महज 34 वर्ष की उम्र में भारत के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने स्वराज कौशल वर्ष 1990 से 1993 तक मिजोरम के राज्यपाल रहे। स्वराज कौशल वर्ष 1998 से 2004 के बीच संसद सदस्य भी रह चुके हैं. फिलहाल सीनियर वकील स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं.
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