क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तानी मरीज़ों को सिर्फ ट्विटर पर क्यों वीज़ा देती हैं सुषमा स्वराज?

पाकिस्तानी मरीज़ों के भारत आने के वीज़ा आवेदन अक़सर निरस्त हो जाते हैं. जो सक्षम हैं, वे ट्विटर का सहारा लेते हैं.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
सुषमा स्वराज
Getty Images
सुषमा स्वराज

पाकिस्तान के लाहौर से कुछ दूरी पर जोहार टाउन की एक सुबह- शहर के लोग अभी नींद में हैं लेकिन डॉक्टर तैमूर उल हसन के घर पर हो रही हलचल बाक़ी दिनों से अलग है.

डॉ तैमूर अच्छे से तैयार होकर नाश्ते की टेबल पर बैठे हैं. उनके चेहरे पर ताज़गी है लेकिन उनकी बहन कुछ गंभीर नज़र आ रही हैं. आधा घंटा बीतते-बीतते तैमूर जाने के लिए तैयार हैं.

पूरा परिवार तैमूर को कुरान की छांव तले दुआएं देते हुए विदा करता है.

डॉ तैमूर को दी जा रही ये दुआएं उनकी दिल्ली यात्रा के लिए हैं. तैमूर को लिवर कैंसर है और वे अपना इलाज कराने भारत आ रहे हैं.

तैमूर इससे पहले 2015 में भी दिल्ली में सर्जरी करा चुके हैं. लेकिन इस बार उन्हें वीज़ा के लिए छह महीने इंतज़ार करना पड़ा.

तैमूर उल हसन
BBC
तैमूर उल हसन

सुषमा स्वराज ने दिया दिवाली का तोहफ़ा

कैंसर फिर उभरने के बाद तैमूर ने कई बार कोशिश की लेकिन भारत नहीं आ सके.

इजाज़त मिलने की उम्मीद तक़रीबन खो चुके थे जब बीती दिवाली पर उनकी छोटी बहन ने ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई.

ट्विटर पर सक्रिय सुषमा स्वराज ने तुरंत जवाब दिया और ट्वीट करने के 24 घंटे के भीतर तैमूर को वीज़ा मिल गया.

'घर जैसा लगता है दिल्ली'

कार में बैठने से पहले तैमूर कहते हैं, ''यहां के मरीज़ों के लिए दिल्ली घर जैसा है. वहां इलाज सुविधाजनक रहता है. संस्कृति से लेकर भाषा तक सब एक जैसा ही तो है.''

इसी के साथ तैमूर वाघा अटारी बॉर्डर की तरफ बढ़ गए जहां से वे दिल्ली का रुख करेंगे.

वीज़ा मिलने के मामले में तैमूर भाग्यशाली हैं लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग हैं, जिन्हें भारत में इलाज कराने के लिए आसानी से मेडिकल वीज़ा नहीं मिलता और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के हालिया सर्वे के मुताबिक़, साल 2015-16 में भारत ने 1,921 पाकिस्तानी मरीज़ों को वीज़ा दिया.

बाक़ी मुल्क़ों के मुक़ाबले ये आंकड़ा काफ़ी कम है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फ़ैसल ने हाल ही में दावा किया था कि कभी भारत हर महीने 500 पाकिस्तानी मरीज़ों को वीज़ा देता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है.

फ़ैसल के मुताबिक़, ''भारत ये वीज़ा मुफ़्त में नहीं देता था. इन सेवाओं के लिए अच्छी ख़ासी रकम चुकाई जाती थी. दोनों मुल्कों के बीच जो मानवीय ताल्लुकात हैं, मरीज़ों का वीज़ा देना इनमें से एक था. लेकिन अब माननीय सुषमा स्वराज ट्विटर पर लोगों को चुनती हैं.''

तैमूर पाकिस्तान से भारत आते हुए
BBC
तैमूर पाकिस्तान से भारत आते हुए

रिश्ते बदले लेकिन मेडिकल वीज़ा बंद नहीं हुआ

एक सर्वे के मुताबिक़, भारत में इलाज के लिए एक पाकिस्तानी मरीज़ औसतन एक लाख 85 हज़ार रुपये खर्च करता है. पाकिस्तानी मरीज़ लिवर ट्रांसप्लांट, कैंसर और बच्चों के इलाज के लिए अमरीका और दूसरे यूरोपीय देशों के मुक़ाबले भारत आना पसंद करते हैं.

मई 2017 में ऐसी मीडिया रिपोर्ट आई थीं कि भारत पाकिस्तान को दिए जाने वाले मेडिकल वीज़ा पर बैन लगा सकता है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस मामले को पाकिस्तान में उस समय भारत के राजदूत रहे गौतम बंबावाले के सामने उठाया.

भारत ने हमेशा ऐसी ख़बरों को ख़ारिज किया है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद से दोनों मुल्कों के रिश्ते कई उतार-चढ़ाव से गुज़रे लेकिन भारत ने पाकिस्तानी मरीज़ों को वीज़ा देना बंद नहीं किया है.

सुषमा स्वराज
Getty Images
सुषमा स्वराज

सुषमा हैं पाकिस्तानियों की आख़िरी उम्मीद?

अब वीज़ा के आवेदन पहले के मुकाबले बढ़े हैं. अगर आप सुषमा स्वराज के ट्विटर अकाउंट पर नज़र डालें तो आपको ऐसे दर्जनों लोग मिल जाएंगे, जो भारतीय विदेश मंत्री से वीज़ा के लिए संपर्क करते हैं.

ट्विटर पर सुषमा स्वराज की सक्रियता की वजह से पिछले कुछ समय में ट्विटर, वीज़ा मांग रहे पाकिस्तानी मरीज़ों के लिए आख़िरी उम्मीद बन गया है. पाकिस्तान में भारत के नए राजदूत अजय बिसारिया ने पद संभालते हुए कहा भी था कि वे वीज़ा के मसले पर काम करना चाहेंगे.

अजय बिसारिया ने बीबीसी को बताया, ''लोगों के हक़ में सोचना हमारे लिए ज़्यादा ज़रूरी है. मेडिकल वीज़ा इसका एक पहलू है. लोगों की तकलीफ़ और इमरजेंसी में मदद के लिए मेडिकल वीज़ा होता है. यह एक ऐसी चीज़ है, जिसे हम भी बढ़ावा देना चाहेंगे.''

अस्पताल
BBC
अस्पताल

'हर तीसरे महीने भारत आना होगा'

इस बीच डॉ तैमूर दिल्ली में अपने डॉक्टर सुभाष गुप्ता के पास पहुंच चुके हैं. सुभाष गुप्ता कैंसर के जाने-माने डॉक्टर हैं और बीते 20 साल से दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं.

डॉ सुभाष बताते हैं, ''इतने साल की प्रैक्टिस के दौरान पहली बार मेडिकल वीज़ा पर बैन की ख़बरें आईं. हमने इसे हटाने के लिए कोशिशें की और अब चीज़ें बेहतर हो रही हैं.''

तैमूर उल हसन को एक दूसरे डॉक्टर के पास रेडियो थैरेपी के लिए भेजा गया है.

डॉ गुप्ता मानते हैं कि इलाज से तैमूर की ज़िंदगी पूरी तरह तो नहीं बदलेगी लेकिन उसमें कुछ साल और जुड़ जाएंगे. हालांकि यह तभी संभव होगा, जब वे हर तीसरे महीने भारत आएं.

भारत की वजह से धड़केगा ये पाकिस्तानी दिल

सुषमा ने की 500 किलो की महिला की मदद

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Sushma Swaraj gives visa to Pakistani patients only on Twitter
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X