सुषमा स्वराज की प्रार्थना सभा में बेटी बांसुरी ने कही बेहद भावुक करने वाली बात
बांसुरी ने कहा कि उनकी गैरमौजदूगी को कभी भुलाया नहीं जा सकता, वो हमेशा मुझे याद आएंगी, मैं बहुत धन्य हूं कि उन जैसी मां की बेटी हूं।
नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के परिजनों ने गुरुवार को उनकी अस्थियों का विसर्जन गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में किया। इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली में सुषमा स्वराज के लिए एक प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस प्रार्थना में उनकी बेटी बांसुरी स्वराज ने उन्हें याद करते हुए बेहद भावुक कर देने वाली बातें कहीं। बांसुरी ने कहा कि उनकी गैरमौजदूगी को कभी भुलाया नहीं जा सकता, वो हमेशा मुझे याद आएंगी, मैं बहुत धन्य हूं कि उन जैसी मां की बेटी हूं। आपको बता दें कि सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार उनकी बेटी बांसुरी ने ही किया था।
'लोगों ने उनकी ममता को दिल से महसूस किया'
सुषमा स्वराज की प्रार्थना सभा में बांसुरी ने कहा, 'मैं जानती हूं कि आज यहां उन्हें याद करने के लिए जितने लोग मौजदू हैं, उनमें से काफी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने उनकी ममता को दिल से महसूस किया है। आज इस प्रार्थना सभा में लोग केवल हमारे दुख में शामिल होने नहीं आए हैं, बल्कि उन्हें भी उतना ही दुख है, जितना हमें है। लोग हमारी ही तरह इस दुख को महसूस कर रहे हैं। सुषमा स्वराज बहुत बहादुर थीं। अगर वो संसद में शेरनी की तरह दहाड़ती थीं तो एक मासूम बच्चे की तरह उनके चेहरे पर हंसी भी होती थी।'
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बेटी का नाम बांसुरी क्यों रखा
आपको बता दें कि बीते मंगलवार को हार्ट अटैक आने के बाद सुषमा स्वराज को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया। इसके बाद बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार की सभी रस्में उनकी बेटी बांसुरी स्वराज ने ही पूरी कीं। सुषमा स्वराज की भगवान श्रीकृष्ण में अटूट श्रद्धा थी। वो चाहती थीं कि भगवान की तरह ही वो कई रूपों में अपनी भूमिका निभाएं, इसीलिए उन्होंने अपनी बेटी का नामकरण काफी सोच-समझकर बांसुरी रखा। दरअसल, जिस तरह भगवान कृष्ण को उनकी बांसुरी बहुत प्रिय थी, ठीक उसी तरह सुषमा स्वराज को भी अपनी बेटी बहुत प्रिय थी।
हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहीं सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज राजनीतिक जीवन में सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती थीं। कई बार ऐसे मौके आए जब लोगों ने ट्विटर के जरिए अपनी समस्याएं उन्हें बताईं और सुषमा स्वराज ने एक आगे बढ़कर लोगों की सहायता की। ऐसा ही मौका उस वक्त आया, जब रियाद में फंसे एक भारतीय ने सुषमा स्वराज को ट्वीट कर खुद के फंसे होने की खबर दी और सुषमा ने तुरंत रिप्लाई करते हुए उसे हिम्मत दी। दरअसल मदद ना मिलने पर उसने सुसाइड करने की बात कही थी। इस पर सुषमा स्वराज ने फौरन प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया- 'खुदकुशी के बारे में नहीं सोचते, हम हैं न। हमारा दूतावास आपकी पूरी मदद करेगा। सुषमा स्वराज ने इस ट्वीट में रियाद स्थित भारतीय दूतावास को टैग कर मामले की रिपोर्ट भी मांगी।
'वो एक शानदार प्रशासक रहीं'
यह केवल एक उदाहरण है, सुषमा स्वराज ने कई मौकों पर सोशल मीडिया के जरिए लोगों की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान किया। सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों की मदद करने वाले उनके इस व्यवहार के लिए उन्हें याद किया। पीएम मोदी ने कहा, 'वो एक शानदार प्रशासक रहीं, सुषमा जी ने जिस भी किसी मंत्रालय का प्रभार संभाला वहां उन्होंने ऊंचे मानडंद स्थापित किए। दूसरे देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। बतौर मंत्री हमने उनकी दयाभावना को भी बखूबी देखा कि किस तरह से उन्होंने दूसरे मुल्कों में फंसे भारतीयों की मदद की।'
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