बिहार में NPR होगा लागू, मई माह में शुरू होगी प्रक्रिया: सुशील मोदी
नई दिल्ली। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। तमाम विपक्षी दल सरकार को इस मसले पर घेरने में लगे हैं और इसके खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इन तमाम विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार का रुख नर्म पड़ता नहीं दिख रहा है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एनपीआर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एनपीआर को लेकर फैसला ले लिया गया है और इसे लागू करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
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मई
माह
में
शुरू
होगी
प्रक्रिया
सुशील
मोदी
ने
कहा
कि
राष्ट्रीय
जनसंख्या
रजिस्टर
को
लेकर
फैसला
ले
लिया
गया
है।
इस
बाबद
प्रक्रिया
को
शुरू
किया
जाएगा।
15
से
28
मई
के
बीच
बिहार
में
एनपीआर
के
लिए
डाटा
लेने
का
काम
शुरू
किया
जाएगा।
बता
दें
कि
एनपीआर
एक
तरह
से
देश
के
नागरिकों
का
रजिस्टर
होगा।
इससे
पहले
साल
2010
में
डाटा
एकत्रित
किया
गया
था।
ये
काम
उस
वक्त
हुआ
जब
2011
की
जनगणना
के
लिए
आंकड़े
जुटाए
गए
थे।
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
2015
में
घर-घर
जाकर
किए
गए
सर्वेक्षण
और
अपडेट
के
लिए
डाटा
डिजिटलाइजेशन
का
काम
पूरा
हो
गया
है।
नागरिकों
का
डाटाबेस
एनपीआर
यानी
राष्ट्रीय
जनसंख्या
रजिस्टर
को
नागरिकता
कानून
1955
और
नागरिकता
(नागरिकों
का
रजिस्ट्रेशन
और
राष्ट्रीय
पहचान
पत्र
का
मसला)
नियम
2003
के
तहत
स्थानीय
स्तर
पर
यानी
उपजिला,
जिला
और
राज्य
स्तर
पर
बनाया
जाएगा।
इनमें
देश
के
हर
नागरिक
के
लिए
नाम
दर्ज
कराना
अनिवार्य
होगा।
एक
तरह
से
यह
देश
में
रह
रहे
नागरिकों
के
लिए
समग्र
डाटाबेस
होगा।
जिसे
जनसांख्यिकीय
और
बायोमीट्रिक
आधार
पर
बनाया
जाएगा।
क्या
है
एनपीआर
एनपीआर
यानी
राष्ट्रीय
जनसंख्या
रजिस्टर
को
नागरिकता
कानून
1955
और
नागरिकता
(नागरिकों
का
रजिस्ट्रेशन
और
राष्ट्रीय
पहचान
पत्र
का
मसला)
नियम
2003
के
तहत
स्थानीय
स्तर
पर
यानी
उपजिला,
जिला
और
राज्य
स्तर
पर
बनाया
जाएगा।
इनमें
देश
के
हर
नागरिक
के
लिए
नाम
दर्ज
कराना
अनिवार्य
होगा।
एक
तरह
से
यह
देश
में
रह
रहे
नागरिकों
के
लिए
समग्र
डाटाबेस
होगा।
जिसे
जनसांख्यिकीय
और
बायोमीट्रिक
आधार
पर
बनाया
जाएगा।
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