Air Strike: 21 मिनट, 12 जेट, लेसर गाइडेड बम और इजरायल का ड्रोन, ऐसे हुआ पाकिस्तान में हमला
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नई दिल्ली। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद हर किसी को बस इस बात का इंतजार था कि क्या केंद्र सरकार और सेना इस हमले का बदला लेगी? 12 दिन बाद 26 फरवरी को जब लोग सुबह उठे तो उन्हें गुड न्यूज मिल चुकी थी। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट एलओसी पार करके बालाकोट में दाखिल हुए और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप्स पर हमला किया। एक बार फिर से जानिए जब आप गहरी नींद में थे तो पाकिस्तान में घुसकर इंडियन एयरफोर्स कैसे दुश्मन को जवाब दे रही थी। यह भी पढ़ें-India Pakistan: IAF ने 1971 की जंग के बाद पार की एलओसी
कौन-कौन से बम और मिसाइल
इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के फाइटर जेट्स की तरफ से खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में हमले की खबरों ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी। रात करीब 3:30 बजे आईएएफ के 12 जेट्स केपीके प्रांत में दाखिल हुए और यहां पर उन्होंने हमले शुरू किए। 21 मिनट के अंदर मिराज 2000, लेसर गाइडेड बम, मैट्रा मैजिक क्लोज कॉम्बेट मिसाइल, लाइटनिंग पॉड, नेत्रा एयरबॉर्न वॉर्निंग जेट्स, आईएल 78 एम, हेरॉन ड्रोन की मदद से बालाकोट में हमले किए। इन हमलों में जैश के कैंप्स तबाह हुए और 300 से ज्यादा आतंकी ढेर हुए। यह भी पढ़ें-IAF जेट्स को देखकर डर गए थे पाकिस्तान के जेट्स
एफ-16 भी डरकर हटे पीछे
सूत्रों की ओर से जो जानकारी आ रही है उसमें कहा जा रहा है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के एफ-16 फाइटर जेट्स ने आईएएफ के मिराज जेट का पीछा किया। लेकिन 12 मिराज जेट को देखकर और उनके आकार को देखकर पाक जेट्स पीछे हट गए। इस पूरे ऑपरेशन को वेस्टर्न एयरकमांड की ओर से अंजाम दिया गया था। मिराज जेट्स ने करीब 1000 किलोग्राम के बम आतंकियों पर गिराए। आईएएफ ने बालाकोट, चाकोटी और मुजफ्फराबाद में आतंकी कैंप्स को तबाह किया है। आईएएफ का यह ऑपरेशन पूरी तरह से सुरक्षित ऑपरेशन रहा और जेट्स अपना मिशन पूरा करके वापस लौट आए।
सबसे खतरनाक एयरक्राफ्ट का प्रयोग
मिराज, एयरफोर्स का सबसे खतरनाक एयरक्राफ्ट है। इसे साल 1985 में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। इसके तुरंत बाद मिराज को भारत में वज्र नाम दिया गया था जिसक संस्कृत में अर्थ है-बिजली। मिराज ने पहली बार साल 1978 में उड़ान भरी थी और साल 1984 में यह फ्रांस एयरफोर्स का हिस्सा बना था। भारत ने साल 1982 में 36 सिंगल सीटर और चार ट्विन सीटर मिराज जेट का ऑर्डर फ्रांस को दिया था। यह एयरक्राफ्ट उस समय खरीदे गए जब पाकिस्तान ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ एफ-16 फाइटर जेट्स की डील की थी। यह भी पढ़ें-जानिए 21 मिनट तक इंडियन एयरफोर्स के मिराज फाइटर जेट्स ने कहां-कहां गिराए बम
क्यों है आईएएफ का सबसे सफल ऑपरेशन
बालाकोट खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। इस इलाके में जैश का सबसे बड़ा ट्रेनिंग कैंप और ऐसे में इस एयर स्ट्राइक को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। इंडियन एयरफोर्स के लिए यह कार्रवाई रणनीतिक तौर पर काफी सफल इसलिए है क्योंकि सन् 1971 की जंग के बाद आईएएफ ने एलओसी पार की। उसके जेट्स करीब 48 वर्ष बाद पाकिस्तान के एयरस्पेस में दाखिल हुए थे। कारगिल की जंग के समय मिराज, पीओके तक गया था। उस समय प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने एयरफोर्स को पाकिस्तान में दाखिल होने से रोक दिया था।