सुरेश प्रभु ने रेलवे और यात्रियों के फायदे के लिए उठाए ये खास कदम, जानिए
रेलवे को हो रहे घाटे को देखते हुए सुरेश प्रभु ने कुछ सिफारिशें की हैं जिसे जल्दी ही लागू किया जाएगा।
दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु घाटे में जा रही रेलवे की आमदनी बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। पैसेंजर्स से हर साल रेलवे 50,000 करोड़ रुपए का बिजनेस करता है लेकिन चालू वित्त वर्ष में इसमें कम से कम 20,000 करोड़ रुपए के गिरावट के आसार हैं।
रेलवे को हो रहे घाटे को देखते हुए सुरेश प्रभु ने कुछ सिफारिशें रेलवे बोर्ड के पास भेजी हैं। इन सिफारिशों को रेलवे बोर्ड ने उपयोगी माना है और कहा जा रहा है कि इसे कुछ दिनों में लागू किया जाएगा।
आइए इसके कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशों के बारे में बताते हैं, जो आपके लिए काफी उपयोगी हैं।
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टिकट पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने का ऑप्शन
सुरेश प्रभु ने एक महत्वपूर्ण सिफारिश के तहत कहा है कि यात्रियों को टिकट पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने का ऑप्शन दिया जाएगा। इसमें यात्री अपनी इच्छा के अनुसार जितना चाहें उतनी सब्सिडी छोड़ सकते हैं।
रेलवे का कहना है कि वह यात्रियों से किराए का 57 प्रतिशत वसूल करती है। इसका मतलब यह है बाकी 43 प्रतिशत की सब्सिडी हर टिकट पर दी जाती है। जैसे गैस पर मिलने वाली सब्सिडी, लोग अपनी मर्जी से छोड़ते हैं, उसी तरह का ऑप्शन रेल टिकट के मामले में भी होगा।
राजधानी या स्पेशल ट्रेन में स्पेशल फेयर
सुरेश प्रभु की एक दूसरी महत्वपूर्ण सिफारिश राजधानी या शताब्दी जैसे खास प्रीमियम ट्रेनों के किराए को लेकर है जिनकी टिकटों पर सब्सिडी नहीं दी जाती।
सिफारिश के तहत इन ट्रेनों में, खासतौर पर वीकेंड पर पैकेज या स्पेशल फेयर की बात कही गई है। इससे किराया थोड़ा कम हो जाएगा जिससे यात्री अन्य ऑप्शन के बजाय इन ट्रेनों को सफर के लिए चुन सकेंगे।
ट्रेनों में खाली बर्थ पर 10 प्रतिशत की छूट
सुरेश प्रभु ने तीसरी महत्वपूर्ण सिफारिश यह की है कि ट्रेनों में बर्थ खाली रहने पर आखिरी समय में टिकट बुकिंग पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
10 प्रतिशत छूट मिलने से सुरेश प्रभु को उम्मीद है कि इससे टिकटों की बिक्री बढ़ जाएगी और बर्थ खाली नहीं जाएगा।
सुरेश प्रभु ने अपनी सिफारिशों को 24 नवंबर को रेलवे बोर्ड को भेजा है। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कई सिफारिशें काफी उपयोगी हैं और इसे जल्दी ही लागू किया जाएगा।
टिकट सब्सिडी छोड़ने का प्रोजेक्ट ई-टिकट पर
गैस सब्सिडी छोड़ने की योजना को लागू करना इसलिए आसान रहा क्योंकि उसमें गैस कनेक्शन के साथ ग्राहकों के बैंक अकाउंट्स को जोड़ा गया है।
रेलवे की सब्सिडी को छोड़ने का मामला इतना आसान नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सिर्फ ई टिकटों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया जाएगा।
इस योजना को सभी टिकटों के लिए लागू करने के लिए रेलवे एक नए स्ट्रक्चर बनाने पर काम कर रही है। सुरेश प्रभु को उम्मीद है कि इन सिफारिशों के लागू होने से रेलवे को होने वाले घाटे में कमी होगी।
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