क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अमीरों पर सरचार्ज को लेकर सरकार में असहमति, निवेश पर संकट की आशंका

Google Oneindia News

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का एक धड़ा बजट में अमीरों पर ज्यादा सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव से असहमत दिखा। सरकार के फैसले पर असहमति जताने वाले धड़े का मानना है कि सरकार के इस फैसले से निवेशक हतोत्साहित होंगे। उनका कहना है कि इसके बाद अमीर लोगों में भारत छोड़कर जाने की प्रवृति बढ़ेगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश किए पहले बजट में इस बात पर फोकस किया गया है कि देश में सुस्त पड़ते निवेश को निजी भागीदारी कें जरिए पटरी पर लाया जाए। हालांकि अमीरों पर लगाए जाने के सरचार्ज के प्रस्ताव को ठीक इससे उलट माना जा रहा है।

अमीरों पर सरचार्ज से निवेशकों पर बुरा असर

अमीरों पर सरचार्ज से निवेशकों पर बुरा असर

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिर एनडीए सरकार के एक शीर्ष नीति निर्माता ने कहा कि सरचार्ज लगाने से देश के निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। खासतौर पर 'यूनिकार्न',ये वो स्टार्टअप कंपनियां होती हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा है, वो इससे ज्यादा हतोस्साहित होंगे। इसके अलावा उच्च वर्ग वालों की संख्या पर देश में बढ़ने पर बुरा असर पड़ेगा। एक अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार दो करोड़ की आमदनी वालों पर सरचार्ज लगाएगी तो जाहिर है कि वो निवेश करने से बचेगा और देश से बाहर जाने के बारे में सोचेगी। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार इस मामले में कुछ और भी बदलाव करे, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फाइनेंस बिल पर जवाब देंगी।

सरकार को 1200 करोड़ राजस्व की उम्मीद

सरकार को 1200 करोड़ राजस्व की उम्मीद

सरकार को अमीर लोगों पर सरचार्ज लगाने से करीब 12000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सरचार्ज मिलेगा। लेकिन इसके साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे निवेश पर उलटा असर पड़ेगा। नया टैक्स निवेश ट्रस्टों को प्रभावित करेगा, जिसके माध्यम से कई विदेशी निवेशक भारत के शेयर बाजारों में पैसा लगाते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार को नार्वे जैसे विकसित देशों की आयकर दरों को नहीं देखना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि हमारे पास कम दरें कम है। बल्कि चीन, , इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को देखना चाहिए जो प्रतिस्पर्धात्मक टैक्स रेट रखते हैं। नार्व में प्रति व्यक्ति आय बहुत ज्यादा है, वहां मजबूत समाजिक सुरक्षा और अन्य दूसरे फायदे मौजूद हैं, जो भारत को नहीं मिलते हैं।

भारत में निवेश लाना चुनौती

भारत में निवेश लाना चुनौती

एक अन्य अधिकारी जो निवेश पर नजर रखते हैं, उनका कहना है कि निवेशकों को देश में लाना चुनौती है और सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही ह, कि यहां घरेलू सहित विदेशी निवेश का वातावरण और बेहतर हो। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में जब दोनों वित्तीय और मानव संसाधन के परिवर्तनशील होने के मौके ज्यादा हैं, ऐसे में भारत से भी निवेशकों के बाहर जाने के खतरे निराधार नहीं हैं। गौरतलब है कि बाजार को लेकर रिसर्च करने वाले ग्रुप 'न्यू वर्ल्ड वेल्थ' की साल 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत हाई नेटवर्थ इंडिविजूअल (एचएनआई) के बाहर जाने के खतरे वाले देशों की टॉप-5 सूची में दूसरे स्थान पर है।

<strong>ये भी पढ़ें- कर्नाटक: बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हम MLA नहीं बने रहना चाहते</strong>ये भी पढ़ें- कर्नाटक: बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हम MLA नहीं बने रहना चाहते

Comments
English summary
Surcharge on rich may well end up hurting investment says a section of modi govt
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X