ऑक्सीजन, दवा सप्लाई से लेकर कोरोना से निपटने की तैयारियों पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
ऑक्सीजन, दवा सप्लाई से लेकर कोरोना से निपटने की तैयारियों पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
नई दिल्ली, 10 मई: सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार (10 मई) को देश की कोरोना वायरस स्थिति से जुड़े मामलों पर सुनवाई होगी। कोविड-19 महामारी के संबंध में ऑक्सीजन की आपूर्ति, दवा की आपूर्ति, राज्यों को वैक्सीन आपूर्ति, धार्मिक और राजनीतिक भीड़ पर नियंत्रण और विभिन्न अन्य नीतियों से संबंधित मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रविवार (09 मई) को मामले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना हलफनामा दायर किया है। न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय वाई चंद्रहुड की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीश पीठ आज मामले की सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट आज एक जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें राज्यों में विधानसभा चुनावों और हरिद्वार में आयोजित किए गए कुंभ में कोरोना निमयों का उल्लंघन किया गया है। याचिका में कोरोना नियमों की अनदेखी करने वाले जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। याचिका में कोविड-19 प्रोटोकॉल को देशभर में सख्ती से लागू करने की भी बात कही गई है। इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कीअ ध्यक्षता में जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस रविंद्र भट्ट की तीन सदस्यीय पीठ इस याचिका सुनवाई करने वाली है।
सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले भारत में ऑक्सीजन सप्लाई, रेमेडिसविर जैसी दवाओं की उपलब्धता और कोरोना से निपटने की देश की तैयारियों पर सलाह देने के लिए 12 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स को ये भी कहा गया था कि राज्यों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट के लिए एक अलग से टीम बनाई जाए। दिल्ली में ऑक्सीजन और दवा सप्लाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने खुद एक ऑडिट टीम का गठन किया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ये टास्क फोर्स देशभर में सप्लाई हो रही ऑक्सीजन पर निगरानी रखेगी। टास्क फोर्स को सूचना के लिए केंद्र सरकार के मानव संसाधन विभाग से बात करने की पूरी स्वतंत्रता होगी। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में कई राज्यों से रिपोर्ट की गई है कि ऑक्सीजन के बंटवारे में केंद्र पक्षपात कर रहा है। इन्ही शिकायतों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये टीम बनाई है।