आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समाजवादी पार्टी के नेता ने किया विरोध, बताया संविधान के खिलाफ
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में इस बात का जिक्र किया है कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए कोटा और आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है। जिसपर कई पार्टियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। अब समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सप्रीम कोर्ट का ये फैसला संविधान के खिलाफ है।
बता दें कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्ति में आरक्षण के लिए बाध्य नहीं हैं। साथ ही पदोन्नति में आरक्षण का दावा करना भी कोई मूल अधिकार नहीं है। मामले में जज एल नागेश्वर राव और जज हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, 'कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इस बात में कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य हैं। ऐसा कोई मूल अधिकार नहीं है, जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे।'
Samajwadi Party leader Ram Gopal Yadav on SC judgment that reservations for jobs, promotions, is not a fundamental right: The verdict of the Supreme Court is against the Constitution. #Delhi pic.twitter.com/J9lW1ZzEY2
— ANI (@ANI) February 10, 2020
उत्तराखंड सरकार के 5 सितंबर, 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की। बता दें उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराए बिना सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया था। सरकार के फैसले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां इसे खारिज कर दिया गया था। अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपीलों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।
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