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पुलिस हिरासत में मौत के मामले पर SC का बड़ा फैसला, कहा- ऐसे केसों से समाज में फैलता है डर

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Supreme Court On Custodial Torture : देश की सर्वोच्च अदालत ने पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। साथ ही जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर जुर्माना भी लगाया है। पूरा मामला उड़ीसा पुलिस से जुड़ा हुआ है, जहां शिकायत लेकर थाने पहुंचे एक शख्स के साथ पुलिसकर्मियों ने पुलिस कस्टडी में रखकर उसकी बुरी तरह से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस पूरे मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार को दोषी पुलिसकर्मियों की ओर से मुआवजा देने का आदेश दिया है।

SC

सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिरासत में हिंसा घिनौनी है और सभ्य समाज में अस्वीकार्य है, क्योंकि पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति की पिटाई सभी के लिए चिंता का विषय है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि लोग इस उम्मीद के साथ पुलिस स्टेशन जाते हैं कि उनके व्यक्ति और संपत्ति की सुरक्षा पुलिस की तरफ से की जाएगी और उन पर किए गए अन्याय और अपराध का समाधान कर दोषियों को दंडित किया जाएगा, लेकिन जब समाज के रक्षक खुद क्रूरता को अपनाते हैं और थाने में आने वाले व्यक्ति को अमानवीय रूप से पीटते हैं। यह बहुत बड़ा सार्वजनिक चिंता का विषय है।

7 लाख रुपये के मुआवजे का आदेश

अदालत ने ओडिशा के दो आरोपी पुलिसकर्मी प्रवीण चंद्र मोहंती और प्रताप कुमार चौधरी को 1985 में एक पुलिस स्टेशन में पिटाई के दौरान लगी चोटों से मरने वाले व्यक्ति को कुल 7 लाख रुपये के उच्च मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि अभियुक्त की ओर से किया गया अपराध केवल मृतक के खिलाफ नहीं बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत अधिकारों के उल्लंघन और मानवता के खिलाफ है।

कभी भी और किसी भी जगह विरोध करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता- सुप्रीम कोर्टकभी भी और किसी भी जगह विरोध करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता- सुप्रीम कोर्ट

क्या है पूरा मामला

साल 1985 में उड़ीसा के पूरी घाट थाने पर काशीनाथ नाइट अपनी शिकायत लेकर गया था। उसने कुछ लोगों पर मारपीट का आरोप लगाय था। इस मामले में पुलिस स्टेशन के दो पुलिसकर्मी प्रवीण चंद्र मोहंती और प्रताप कुमार चौधरी ने उसकी फरियाद सुनने के बजाए उसको ही थाने में अंदर कर दिया और उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

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English summary
Supreme Court verdict on Police custodial Torture death officer will compensate
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