रोडरेज केस में नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत, जुर्माना लगाकर छोड़ा
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नई दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के मामले में सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ दिया। कोर्ट के इस कदम के बाद सिद्धू का राजनीतिक कैरियर बच गया है।
1988 के रोडरेज मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को इनकी याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जज चेलेमेश्वर और संजय किशन कौल की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
अभियोजन के अनुसार सिद्धू और रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर , 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट चौरोह के पास सड़क के बीच में कथित रुप से खड़ी जिप्सी में थे। उसी समय गुरनाम सिंह और दो अन्य पैसे निकालने के लिए मारुति कार से बैंक जा रहे थे। गुरनाम ने सिद्धू और संधू से जिप्सी हटाने को कहा। इस पर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। सिद्धू ने सिंह को बुरी तरह पीटा और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। हालांकि कि गुरनाम की मौत की कारण हार्ट अटैक था।
बाद में हाई कोर्ट ने सिद्धू और उनके साथी को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद अौर एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। सिद्धू ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इसके बाद पिछले दिनों इस पर सुनवाई शुरू हुई। लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट आज इस पर फैसला आया।