जम्मू-कश्मीर में 4 जी इंटरनेट सेवा बहाल करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कल यानी सोमवार को जम्मू-कश्मीर में 4 जी इंटरनेट सेवा बहाल करने की याचिकाओं पर आदेश सुनाएगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष 2019 में उनुच्छेद-370 हटाने के बाद से इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी, हालांकि कुछ महीने बाद 2जी सर्विस के संचालन को अनुमति मिल गई थी। इस बीच घाटी में अब 4 जी इंटरनेट सेवा बहाल करने को लेकर याचिका दायर की गई है। इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए वकील हुजेफा अहमदी ने अपनी दलील में कहा था कि धीमा इंटरनेट होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई और कारोबार में कई तरह की परेशानी आ रही है।
वकील हुजेफा अहमदी ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों को डॉक्टरों से सलाह लेने के लिए वीडियो कॉल की जरूरत है। दरअसल अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा लिया था। इस दौरान हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवा पर पाबंदी लगा दी गई थी। तब से आज तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को 4जी सेवा नहीं मिल पा रही है। वहीं केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2जी सेवाओं को बहाल कर दिया था। इसके बाद से 4जी सेवा बहाल करने की मांग की जा रही थी। इसी बीच कुछ संस्थाओं ने 4जी इंटरनेट सेवा की बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 4 मई को सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आतंकवादी संगठन और देश विरोध लोग घाटी में जनता को फेक न्यूज के जरिए भड़काते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में देश विरोधी वीडियो को भी वायरल किया जाता है। वहीं कई आतंकी संगठन वीडियो जारी करके युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की अपील करते हैं। जिस वजह से प्रशासन 4जी सेवाओं को नहीं बहाल करना चाहता है। जम्मू-कश्मीर में 2जी सेवा बहाल है। 2जी सेवाओं से आतंकियों के मंसूबे नहीं कामयाब होते हैं।
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