कोरोना वायरस: शाहीनबाग से धरना हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 23 मार्च को करेगा सुनवाई
नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे धरने को खत्म किए जाने का आदेश की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार (23 मार्च) को सुनवाई होगी। इस याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस एक से दूसरे इंसान में जाता है। शाहीन बाग में बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठा हैं, ऐसे में इस आंदोलन की वजह से वजह से कोरोना तेजी से फैल सकता है। याचिका में कोर्ट से अपील की गई है कि कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से यह आंदोलन खत्म किया जाना चाहिए।
दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाएं रविवार को जनता कर्फ्यू का हिस्सा भी नहीं बनेंगी। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी कोरोना वायरस से बचने के लिए सेनिटाइजर और फेस मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। महिलाओं का कहना है कि जैसे हम संविधान के लिए खड़े हुए हैं वैसे ही हम कोरोना से लड़ने के लिए भी खड़े हैं। हम कल भी यहां आएंगे।
महिलाओं का कहना है कि प्रदर्शनस्थल पर भीड़ कम कर दी गई है। एक महिला ने कहा कि रविवार को हम कम संख्या में बैठेंगे। केवल दो महिलाएं ही एक तख्त पर होंगी और बीच दूरी भी रखी जाएगी। ये कोशिश रहेगी कि बहुत ज्यादा भीड़ ना हो लेकिन प्रदर्शन को खत्म नहीं किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के एक स्थान पर 20 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक के बाद भी शाहीन बाग की महिलाओं से प्रदर्शन खत्म करने को कहा गया था। इसे भी महिलाओं ने नहीं माना। महिलाओं का कहना है कि हमें एनआरसी का खतरा भी कोरोना से कम नहीं लग रहा इसलिए प्रदर्शन खत्म नहीं किया जा सकता है। 15 दिसंबर 2019 को शाहीन बाग में महिलाओं ने नागरिकता संशोधन कानून, और एनआरसी के खिलाफ धरना शुरू किया था। जिसके बाद से अब तक ये लगातार जारी है।
CORONA: शाहीन बाग की प्रदर्शनकारियों का जनता कर्फ्यू में शामिल होने से इनकार