समलैंगिक संबंध अपराध है या नहीं, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज समलैंगिकता अपराध है या नहीं इसपर अहम सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ आज समलैंगिक यौन संबंधों के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तीन अन्य अहम मामलों पर भी सुनवाई करेगी। इससे पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिको के बीच यौन संबंध को अपराध घोषित किया था। 2009 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच यौन संबंध अपराध नहीं होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया और आईपीसी की धारा 377 के तहत इस अपराध की श्रेणी में डाला।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कई पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसके बाद लोगों ने क्यूरेटिव यानि सुधारात्मक याचिका डाली और मूल फैसले का फिर से परीक्षण किए जाने की मांग की। जिसके बाद कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी थी। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद तमाम याचिकाएं दायर की गई जिसमे कहा गया का समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर निकाला जाए, जिसपर आज सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच इसपर सुनवाई करेगी, जिसकी अध्यक्षता सीजेआई दीपक मिश्रा करेंगे, जबकि न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा भी इसमे शामिल हैं।