दिल्ली हिंसा पर बोले CJI- हम शांति चाहते हैं लेकिन हमारी भी कुछ सीमाएं हैं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हिंसा के पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। सर्वोच्च अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगी। इस याचिका में याचिकाकर्ताओं द्वारा भड़काऊ भाषण देने के आरोपी भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। ये याचिका उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के शिकार 10 पीड़ितों द्वारा याचिका की गई है।
पीड़ितों ने भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर और भड़काऊ बयानबाजी करने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा इस याचिका में दिल्ली के बाहर के अफसरों द्वारा एसआईटी का गठन कर हिंसा की जांच कराए जाने की मांग भी की गई है। उनकी मांग हैं कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए आर्मी बुलाई जाए।
याचिकाकर्ताओं ने पुलिस की भूमिका की जांच के लिए सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की मांग भी की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील कॉलिन गोंजाल्वेज ने सीजेआई एसए बोबडे को बताया कि पिछली रात भी लोगों की मौत हुई है और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई में देरी हो रही है।
इसपर सीजेआई बोबडे ने कहा, 'हम यह नहीं कह रहे हैं कि लोगों को मरना चाहिए, लेकिन इस तरह का दबाव अदालत पर नहीं डाला जा सकता। उन्होंने कहा कि हम ऐसे मामलों को रोक नहीं सकते हैं। कोर्ट सुनवाई के बाद ही हालात से निपट सकता है। हम शांति की उम्मीद करते हैं।' इसके पहले, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा से जुड़ी अर्जी पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक पक्ष बनाने की मांग को स्वीकार करते हुए सुनवाई 13 अप्रैल तक टाल दी थी।