संगीन अपराध में आरोपी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए SC का अहम फैसला आज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की बेंच आज एक अहम फैसला सुना सकती है। कोर्ट दागी नेताओं के चुनाव लड़ने की याचिका पर अपना फैसला सुना सकती है। दरअसल जिन दागी नेताओं पर हत्या, रेप, किडनैपिंग जैसे संगीन मामले दर्ज हैं उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। आपको बता दें कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पिपल्स एक्ट के तहत जो उम्मीदवार दोषी करार दिए गए हैं वो चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जबकि इन मामलों में आरोपी उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं।
सुप्रीम
कोर्ट
की
बेंच
सुनाएगी
फैसला
सुप्रीम
कोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
दीपक
मिश्रा
की
बेंच
इस
मामले
में
आज
अपना
फैसला
दे
सकती
है,
इस
बेंच
में
जस्टिस
एएम
खानविलकर,
रोहिंटन
नरीमन,
डीवाई
चंद्रचूड़,
इंदू
मल्होत्रा
शामिल
हैं,
जिन्होंने
पहले
ही
साफ
कर
दिया
है
कि
कोर्ट
संसद
के
लिए
कानून
नहीं
बना
सकती
है।
जस्टिस
नरीमन
ने
कहा
कि
कोर्ट
कानून
की
घोषणा
करती
है,
जबकि
संसद
कानून
बनाता
है।
लेकिन
मुख्य
न्यायाधीश
ने
इस
मामले
में
कुछ
करने
की
आवश्यकता
जाहिर
की
है,
उन्होंने
कहा
कि
अपराधियों
को
दूर
रखने
और
उन्हें
चुनाव
लड़ने
से
रोकने
के
लिए
कदम
उठाने
की
जरूरत
है।
कोर्ट दे सकती है निर्देश
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि अनुच्छेद 102(1) के तहत कोर्ट कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि संविधान के रक्षक के तौर पर कोर्ट संसद को विवेक के आधार पर कानून बनाने को कह सकती है। वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आखिर कैसे रेप और हत्या के आरोपी चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो सकते हैं। एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट को जल्द से जल्द मामले का निपटारा किया जाना चाहिए, यही इसका समाधान है।
अटॉर्नी जनरल का रुख
वेणुगोपाल ने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमे उन्होंने कहा कि आखिर कैसे एक व्यक्ति जोकि मामले में आरोपी है और उसके खिलाफ आरोप साबित नहीं हो जाता है उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार लोगों के वोट से चुनाव जीतता है।
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