आधार कार्ड की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज
नई दिल्ली। आधार कार्ड की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज अपना अहम फैसला सुना सकता है। इसके अलावा प्रमोशन में आरक्षण सहित कोर्ट की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग, दोषी नेता की कुर्सी किसके आदेश पर जाएगी जैसे अहम मुद्दों पर अपना फैसला सुना सकती है। आपको बता दे कि सुप्रीम मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्यकाल को अब महज चार दिन बचे हैं, ऐसे में इन तमाम अहम मुद्दों पर उनके फैसले पर हर किसी की नजर है। गौर करने वाली बात यह है कि अगले चार दिन में जस्टिस मिश्रा इन तमाम मुद्दों के अलावा सबरीमाला, मिलावट, अयोध्या जैसे मुद्दों पर भी अपना फैसला देंगे।
पांच जजों की बेंच देगी फैसला
आज कोर्ट में होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट आधार पर अपना फैसला सुनाएगा, गौर करने वाली बात है कि इस मसले की सुनवाई के दौरान निजता के मौलिक अधिकार पर भी चर्चा की गई थी, इसके बाद इस मामले को 9 जजों की बेंच को इस मामले को भेजा गया। कोर्ट ने कहा था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और इस आधार पर कोर्ट आज यह फैसला सुनाएगी कि क्या आधार निजता के अधिकार का हनन है। आज सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच इस मामले में अपना फैसला देगी।
नागरिकों को सरकार की दया पर छोड़ा
आधार को चुनौती देने वाले वकील गोपाल सुब्रमण्यम का कहना है कि आधार स्कीम के जरिए नागरिकों को सरकार की दया के सहारे छोड़ दिया गया है। हालांकि आधार के डेटा लीक को अपराध माना गया है लेकिन ऐसी स्थिति में यूआईडीएआई सिर्फ शिकायत कर सकती है। सुब्रमण्यम का कहना है कि अगर यूएआईएडीआई के फैसले से कोई प्रभावित होता है तो ऐसी स्थिति में नागरिक कहां जाएगा। वहीं केंद्र की ओर से भी इस मामले में दलील दी गई है कि आधार नागरिक फ्रैंडली है।
सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से कोर्ट में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब देश में 96 फीसदी लोगों के पास आधार है और सरकार की कोशिश है कि जिन लोगों के पास आधार नहीं है वह अपना आधार बनवा लें। उन्होंने यह भी साफ किया है कि जिन लोगों के पास आधार नहीं है उन्हें भी सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं किया जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां सरकार का कहना है कि व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा, लेकिन जिस तरह से हाल में कुछ लोगों की आधार की जानकारी लीक हुई थी उसने सरकारी दावे की पोल खोल दी थी।
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