प्रदूषण पर रोक के लिए दिल्ली में एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाने का रोडमैप तैयार करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
प्रदूषण पर रोक के लिए एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाने का रोडमैप तैयार करे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भारी प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र से कहा है कि वो दिल्ली में बड़े-बड़े एयर प्यूरीफायर टॉवर लगाए जाने का रोडमैप तैयार करे और अदालत को इसकी जानकारी दे। ताकि प्रदूषण पर कुछ काबू पाया जा सके। वहीं दिल्ली सरकार से ऑड-ईवन को लेकर भी अदालत ने सवाल किया है कि आखिर इससे कितना फायदा हुआ है। बीते करीब 20 दिनों से दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह है। इस पर कई याचिकाएं अदालत मे दाखिल की गई हैं, जिन पर सुनवाई हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सांस कैसे लें लोग
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदर्शन को लेकर सरकार से पूछा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) आज भी लगभग 600 है। लोग कैसे सांस लेंगे इस स्थिति में। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एयर क्लीनिंग डिवाइस को लगाने के लिए कितना समय लगेगा? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि चीन ने कैसे किया? कोर्ट में एक्सपर्ट ने बताया कि हमारे यहां 1 किलोमीटर वाला डिवाइस है, चीन में 10 किलोमीटर तक कवर करता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप छोटे इलाके को क्यों कवर करना चाहते हैं, ज्यादा को क्यों नहीं।
एयरप्यूरीफायर टावर पर सवाल
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने परीक्षण के तौर पर पिछले साल दिल्ली के पांच व्यस्त चौराहों पर एयर प्यूरीफायर लगाए थे। इन एयर प्यूरीफाय लगाने से प्रदूषण में मामूली कमी दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार यह एयर प्यूरीफायर साइज में छोटे थे इसलिए इनसे खास फायदा नहीं हुआ।
दिल्ली की हवा बेहद खराब
बता दें कि दिल्ली की हवा बीते करीब 20 दिनों से बेहद खराब है। इसके चलते स्कूल बंद कर दिए गए हैं। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। शुक्रवार को भी दिल्ली-एनसीआर धुंध की मोटी चादर में लिपटा रहा। लगातार चौथे दिन प्रदूषण का स्तर ''गंभीर' की श्रेणी में है। दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया जो 'गंभीर की श्रेणी में आता है
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