अपराधियों के विदेश भागने पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, आजकल हर कोई कोर्ट ट्रायल से बचने के लिए भारत से भाग रहा है, आपको उन्हें वापस लाना होगा।
नई दिल्ली। भारत में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर विदेश भाग जाने वालों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि जो 100 से अधिक अपराधी विदेश भाग गए हैं उन्हें वापस भारत अवश्य लाया जाए और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए।
भगोड़े अपराधियों को वापस लाया जाए
जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अरुन मिश्रा की बेंच ने भगोड़े अपराधियों पर चिंता जताई है जो भारत छोड़कर भाग गए हैं, कोर्ट ने केंद्र को कहा है कि इन लोगों को भारत अवश्य लाया जाए और उनके खिलाफ ट्रायल किया जाए।
पीएम
मोदी
की
आपत्तिजनक
तस्वीर
डाली
सोशल
मीडिया
पर,
हुआ
गिरफ्तार
कोर्ट
ने
विजय
माल्या
का
नाम
लिए
बिना
कहा
कि
हम
देख
रहे
हैं
कि
आजकल
हर
कोई
कोर्ट
के
ट्रायल
से
बचने
के
लिए
देश
छोड़कर
भाग
जाता
है।
आपको
बता
दें
कि
माल्या
के
खिलाफ
गैरजमानती
वारंट
जारी
किया
गया
है।
कोर्ट
ने
कहा
कि
ऐसे
भगोड़ो
को
अवश्य
वापस
लाना
चाहिए
ताकि
लोगों
के
बीच
यह
संदेश
जाए
कि
कानून
उन्हें
भी
पकड़
सकता
है।
हमें
लोगों
के
सामने
उदाहरण
प्रस्तुत
करने
होंगे।
रितिका
अवस्थी
को
वापस
लाया
जाए
केंद्र
सरकार
को
कोर्ट
ने
निर्देश
दिया
है
कि
बिजनेसमैन
रितिका
अवस्थी
जोकि
लंदन
में
हैं
और
उन्होंने
भारत
आने
से
मना
कर
दिया
है,
उन्हें
वापस
लाने
के
हर
संभव
प्रयास
किए
जाए,
रितिका
के
खिलाफ
आपराधिक
मामला
चल
रहा
है।
कोर्ट ने अवस्थी को अपने बीमार पति को देखने जाने की इजाजत दी थी, हाल ही में कोर्ट ने रितिका का पासपोर्ट रद्द करने को भी कहा था, इसके साथ ही लंदन में भारतीय उच्चायुक्त को उनके खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा था।
केंद्र
सरकार
ने
रखा
पक्ष
केंद्र
की
ओर
से
सरकार
का
पक्ष
रखते
हुए
सॉलिसिटर
जनरल
रंजीत
कुमार
ने
कोर्ट
में
कहा
कि
सरकार
के
पास
उनके
पासपोर्ट
की
जानकारी
नहीं
है,
ऐसे
में
उन्हें
वापस
लाने
के
लिए
कदम
तभी
उठाए
जा
सकते
हैं
जब
उनके
पासपोर्ट
की
जानकारी
हासिल
हो
सके।
कोर्ट ने कहा कि आपने ही उन्हें पासपोर्ट जारी किया है तो आप आसानी से उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप उन्हें वापस लाए औऱ कोर्ट की कार्रवाई का सामने करने को मजबूर करे, आप हमें बताइए कि उन्हें कब और कैसे वापस ललाएंगे, कहीं ना कहीं हमे ऐसा लग रहा है कि आप उन्हें वापस लाने में इच्छुक नहीं दिख रहे हैं।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पासपोर्ट यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें दिया था और इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार शामिल नहीं थी। हालांकि उन्होंने कोर्ट को इस बात का आश्वासन दिया है कि सरकार जानकारी मिलने के 24 घंटे के भीतर उनका पासपोर्ट रद्द कर सकती है। कोर्ट ने केंद्र को 15 दिसंबर तक का वक्त दिया है।