अमरावती भूमि घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक हटी
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के अमरावती भूमि घोटाले की मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को उच्चतम न्यायालय ने हटा ली है। दरअसल अमरावती भूमि घोटाले में दर्ज एफआईआर के बाद उच्च न्यायालय ने मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणी पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पाबंदी को हटा दिया है। बता दें कि आंध्र प्रदेश पुलिस ने पूर्व एडवोकेट जनरल और 13 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके साथ ही पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के जज की दो बेटियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। इन लोगों पर आरोप था कि इन लोगों को पहले से पता था कि अमरावती को प्रदेश की राजधानी चुना जाएगा, जिसके चलते इन लोगों ने यहां जमीन खरीदी थी।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जनवरी के आखिरी हफ्ते तक हाई कोर्ट अमरावती भूमि घोटाले पर कोई फैसला नहीं लेगा। बेंच में जस्टिस आरएस रेड्डी, एमआर शाह भी शामिल हैं। हालांकि बेंच ने हाई कोर्ट द्वारा अन्य फैसलों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट यह फैसला आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर को दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने जनवरी 2021 तक इस मामले का निर्णय लेने का फैसला लिया है और इस दौरान सभी पक्षों को अपना हलफनामा दायर करने को कहा है।
पूर्व एडवोकेट जनरल की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह सीधे तौर पर सत्ता परिवर्तन के चलते बदले का मामला है क्योंकि 2015 में जमीन खरीदना कतई गैरकानूनी नहीं था, जब हजारों लोगों ने 2014 में यहां जमीन खरीदी थी। लोगों को उस वक्त तक पता चल गया था कि अमरावती प्रदेश की नई राजधानी होगी।