डीके शिवकुमार और चिदंबरम मामले में एक जैसी दलील, कॉपी-पेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को लताड़ा
Recommended Video
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहत दी है। उनकी जमानत के खिलाफ दायर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस नरीमन ने ईडी को फटकार भी लगाई है।
जस्टिस आरएफ नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार महता को लताड़ते हुए कहा है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से खेल नहीं सकती है। उन्होंने कहा है, 'कृपया हमारे फैसलों को पढ़ें। हमारे निर्णयों के साथ नहीं खेला जाना चाहिए। अपनी सरकार को बताएं कि हमारे निर्णय स्टैंड करते हैं।'
कांग्रेस नेता को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ ईडी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस नरीमन ने ये बात कही है। इस बेंच में जस्टिस रवींद्र भट्ट भी शामिल हैं।
याचिका को कॉपी पेस्ट किया गया
जस्टिस नरीमन ने ये भी नोट किया कि ईडी ने इस याचिका को पी चिदंबरम वाली जमानत याचिका से कॉपी पेस्ट किया है। शिवकुमार के खिलाफ दायर इस याचिका में उन्हें पूर्व गृह मंत्री कहकर संबोधित किया गया है। जबकि पूर्व गृह मंत्री तो पी चिदंबरम थे। इस कॉपी पेस्ट वाली गलती को पकड़ते हुए जस्टिस नरीमन ने कहा, 'यह नागरिकों के साथ व्यवहार करने का कोई तरीका नहीं है।'
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप डीके शिवकुमार केस में पी चिदंबरम वाली दलील पेश कर रहे हैं, जिसे कॉपी-पेस्ट किया गया है और इसमें कोई बदलाव भी नहीं किया गया है। बता दें ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जब सॉलिसिटर जनरल इस मामले को खारिज नहीं करने के लिए बेंच से आग्रह कर रहे थे, तब जस्टिस नरीमन ने कहा कि अदालत के निर्णयों का पालन किया जाना चाहिए।
23 अक्टूबर को जमानत मिली थी
शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 23 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। साथ ही हाईकोर्ट ने शिवकुमार को देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था। डीके शिवकुमार 25 अक्टूबर तक ईडी की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
राखी सावंत ने अपनी बेटी को लेकर किया खुलासा, वीडियो वायरल