सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तरुण तेजपाल की याचिका पर जल्द फैसला ले बॉम्बे हाईकोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तहलका मैगजीन के संस्थापक तरुण तेजपाल की एक याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट को जल्द फैसला लेने के लिए कहा है। तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप है और अभी वो जमानत पर जेल से बाहर हैं। यौन उत्पीड़न के ही मामले में तरुण तेजपाल की ओर से खुद को बरी करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। इसी याचिका को लेकर सर्वोच्च अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट को तीन महीने के अंदर फैसला लेने के लिए कहा है। तरुण तेजपाल को सितंबर में गोवा की अदालत ने बलात्कार, यौन उत्पीड़न का आरोपी बनाया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), 342 समेत कई धाराओं में आरोप तय किए गए थे। कोर्ट के इस फैसले पर तरुण तेजपाल के वकील ने नाराजगी जताई थी।
देश की सर्वोच्च अदालत ने तरुण तेजपाल के मामले में निचली अदालत से यौन उत्पीड़न के मामले में मुकदमा जारी रखने को कहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के उलट सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत में ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश दिया था। बता दें कि तरुण तेजपाल ने अपने खिलाफ निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था। साथ ही उन्होंने निचली अदालत में आरोप तय किए जाने पर रोक की भी मांग की थी। इसी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालत में ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश दिया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में ट्रायल जारी रखने के लिए कहा है।
तहलका के पूर्व संपादक के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला साल 2013 का है, जब गोवा में एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने अपनी जूनियर महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद महिला कर्मचारी ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों से इस घटना का जिक्र किया था और मामला सामने आया।
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