सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर इंडिया के पूर्व MD को भेजा नोटिस, UP सरकार की याचिका पर होगी सुनवाई
नई दिल्ली, अक्टूबर 22। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के पूर्व एमडी मनीष माहेश्वरी को एक नोटिस जारी किया है। ये नोटिस कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जाहिर करते हुए किया है। यूपी सरकार ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। यूपी सरकार की याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने सरकार की याचिका पर सुनवाई की।
कर्नाटक हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने लगाई याचिका
इस याचिका में यूपी सरकार ने ट्विटर पर अपलोड किए गए एक संवेदनशील वीडियो की जांच के लिए मनीष माहेश्वरी की पेशी की मांग की थी। ये वीडियो लोनी गाजियाबाद में एक मुस्लिम व्यक्ति के कथित हमले से संबंधित था। इस मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया के पूर्व एमडी मनीष माहेश्वरी समेत 9 संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीते 24 जून को मनीष माहेश्वरी को अंतरिम राहत दे दी थी। हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया था कि वह एक व्यक्ति के हमले के वायरल वीडियो क्लिप के प्रसार की जांच के संबंध में सुनवाई की अगली तारीख तक उसके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए।
यूपी सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने दी ये दलील
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शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया। तुषार मेहता ने कहा, "कानून का एक प्रश्न था जिसकी जांच की आवश्यकता थी और फिलहाल इस कारण की अनदेखी की गई कि समन क्यों जारी किया गया था। यह 41ए का नोटिस था, इसलिए गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं है।" तुषार मेहता की इस दलील के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मनीष माहेश्वरी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी और सिद्धार्थ लूथरा को मनीष माहेश्वरी का नोटिस दिया।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि ये मामला गाजियाबाद में एक मुस्लिम शख्स अब्दुल शमद सैफी की पिटाई वाले वीडियो के प्रसार से जुड़ा है। बीते 5 जून को अब्दुल शमद सैफी की कुछ युवकों ने मारपीट की थी, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हुआ था। यूपी पुलिस ने दावा किया था कि इस वीडियो को सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए वायरल किया गया था। इस मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया, कुछ मीडिया संस्थान और पत्रकारों के अलावा कांग्रेस के नेता सलमान निजामी, मस्कूर उस्मानी, शमा मोहम्मद और लेखक सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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