तबलीगी जमात पर फर्जी खबरों के आरोप की याचिका में NBA को भी बनाया जाए पक्षकार: SC
नई दिल्ली। तबलीगी जमात को लेकर जिस तरह से मीडिया के एक वर्ग में इसकी रिपोर्टिंग की गई और इसे कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार बनाया गया और इसके खिलाफ नफरत फैलाई गई, इस मामले में दायर याचिकायों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने केंद्र सरकार और भारतीय प्रेस परिषद (NBA) को नोटिस जारी किया है, जिसमे कहा गया है मीडिया संस्थान पर कार्रवाई करने की मांग वाली याचिकाओं पर दो हफ्ते के भीतर जानकारी दें।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि कथित तौर पर जो आरोप याचिकाओं में लगाए गए हैं, उसपर टेलीविजन चैनलों पर क्या कार्रवाई की गई है, उसकी जानकारी दी जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जो याचिकाएं दायर की गई है उसमे आरोप लगाया गया है कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर लोगों के बीच सांप्रदायिक नफरत फैलाई गई। साथ ही कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई क दौरान याचिकाकर्ताओं को भी निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले एनबीए को भी प्रतिवादी पक्ष के तौर पर शामिल किया जाए। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने के लिए कहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा ए हिंद और अन्य लोगों ने याचिका दायर की है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 जून को होगी।
वहीं जमीयत के वकील दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया है कि तबलीगी जमात को लेकर कई न्यूज चैलनों और मीडिया संस्थान ने फर्जी खबरें चलाईं, जिसकी वजह से लोगों के बीच नफरत का माहौल बना और सामाजिक ताने बाने को भी नुकसान पहुंचा है। इस तरह की फर्जी खबरें अपराध हैं, लिहाजा ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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