सुप्रीम कोर्ट का फैसला- कर्नाटक के अयोग्य करार दिए गए 17 विधायक अब लड़ सकेंगे चुनाव
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बेंगलुरु। कर्नाटक के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस्तीफा देने से स्पीकर के अधिकार खत्म नहीं हो जाते हैं। हालांकि अयोग्यता के मामले में विधायकों को अपना पक्ष रखना का मौका मिलना चाहिए।
कोर्ट
के
इस
फैसले
से
साफ
हो
गया
है
कि
कर्नाटक
के
अयोग्य
करार
दिए
गए
17
विधायक
अब
चुनाव
लड़
सकेंगे।
आपको
बता
दें
कि
कर्नाटक
में
विधायकों
की
अयोग्यता
के
बाद
खाली
हुई
15
विधानसभा
सीटों
पर
5
दिसंबर
को
उपचुनाव
होना
है।विधानसभा
अध्यक्ष
रमेश
कुमार
ने
विधानसभा
में
एच
डी
कुमारस्वामी
सरकार
के
विश्वास
प्रस्ताव
से
पहले
ही
17
बागी
विधायकों
को
अयोग्य
घोषित
कर
दिया
था।
विधानसभा में विश्वास मत्र प्राप्त करने मे विफल रहने पर कुमारस्वमी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, भाजपा के बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था। चुनाव आयोग ने पहले 21 अक्टूबर को 15 सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की थी लेकिन बाद में अदालत में मामला लंबित रहने के कारण इसे 5 दिसंबर तक टाल दिया गया था। उपचुनाव के लिए आचार संहिता 11 नवंबर से प्रभावी हो जाएगी। उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का काम 11 नवंबर को फिर से शुरू होगा और 18 नवंबर को समाप्त हो जाएगा।
अयोग्य विधायक पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने हाल में शीर्ष अदालत में एक आवेदन दायर कर 15 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव की तारीख स्थगित करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया था। इन विधायकों का कहना था कि उनकी याचिकाओं पर न्यायालय का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए।
अयोग्य घोषित विधायकों की दलील थी कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है और अध्यक्ष का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और इससे प्रतिशोध झलकता है। इन विधायकों में से अनेक ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए अध्यक्ष को पत्र लिखे थे।