क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पति-पत्नी के बीच तलाक के बाद दर्ज नहीं हो सकता दहेज उत्पीड़न का मामला: सुप्रीम कोर्ट

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि पति-पत्नी के बीच तलाक हो जाने के बाद किसी भी शख्स या परिजन के खिलाफ दहेज का मामला नहीं दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी माना है कि आईपीसी की धारा 498A या दहेज निषेध अधिनियम के किसी भी प्रावधान के तहत दंपत्ति के अलग हो जाने के बाद अभियोजन टिकाऊ नहीं रहेगा। बता दें कि दहेज के प्रावधानों के तहत जुर्माने के साथ अधिक से अधिक 5 साल तक जेल का प्रावधान है।

Supreme Court said Woman Can not File Dowry Harassment FIR After Divorce

दरअसल जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव ने आईपीसी की धारा 498 ए के उन शब्दों पर जोर दिया है। जिसमें कहा गया है पति या महिला के पति का रिश्तेदार। इसके बाद पीठ ने कहा कि जब किसी मामले में तलाक हो चुका है। तो वहां यह धारा लागू नहीं होता है। इसी तरह से दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज नहीं हो सकता है।

बहस ज्यादा तर्कसंगत नहीं है
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक मामला पहुंचा था जिसमें एक शख्स और उसके परिजन पीठ के समझ पहुंचे थे कि धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम के तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द किया जाए। क्योंकि दंपत्ति के बीच तलाक को चार साल हो चुके हैं। ऐसे में यह मामला तर्कसंगत नहीं है। तब अदालत ने कहा कि इस बहत में ज्यादा वास्तविकता है। पीठ ने कहा कि महिला के कथन के मुताबिक उनका चार साल पहले तलाक हो चुका है, ऐसे स्थिति में हम इस मत में है कि आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेद अधिनियम 1961 की धारा 3/4 के तहत तर्कसंगत नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया है।

Comments
English summary
Supreme Court said Woman Can not File Dowry Harassment FIR After Divorce
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X